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वॉशिंगटन: अरबपति एलन मस्क ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने अपने बजट में कमी नहीं की तो देश दिवालिया हो सकता है। ट्रंप की नई सरकार द्वारा बनाई गई एजेंसी डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) के मुखिया ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही है। जाहिर है मस्क की इस चेतावनी से से ट्रंप की टेंशन बढ़ने वाली है। फिलहाल ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी अदालतों के बीच इस मुद्दे पर सीधा टकराव देखने को मिल रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ट्रंप और मस्क की कटौती की योजनाएं कानूनी चुनौतियों को पार कर पाएंगी या फिर इन्हें अदालतों से झटका लगेगा इससे ट्रंप की टेंशन बढ़ गई है। मस्क ने खासतौर पर देश के बढ़ते बजट घाटे पर चिंता जताई, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 1.8 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि संघीय खर्चों में कमी अब कोई विकल्प नहीं बल्कि अनिवार्यता बन चुकी है। लेकिन ट्रंप प्रशासन की ये सख्त वित्तीय नीतियां कानूनी विवादों में फंसती जा रही हैं। ट्रंप ने हाल के हफ्तों में कई कार्यकारी आदेश जारी किए हैं, जिनका मकसद सरकारी खर्चों को कम करना है। लेकिन उनकी नीतियों के चलते कई संघीय एजेंसियां या तो बंद हो गई हैं या उनमें तैनात कर्मचारियों को घर भेज दिया गया है। इसका नतीजा ये हुआ कि अमेरिका की कई अदालतों में इन फैसलों को चुनौती दी गई है। विपक्षी नेताओं और कई सामाजिक संगठनों ने इसे अवैध सत्ता का दुरुपयोग करार दिया है और ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए हैं। एलन मस्क पर भी उठे सवाल इस विवाद के बीच एलन मस्क पर भी हितों के टकराव के आरोप लग रहे हैं, क्योंकि वे स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ भी हैं, जिनके पास अमेरिकी सरकार के साथ कई बड़े कॉन्ट्रैक्ट हैं। मंगलवार को इस बारे में पूछे जाने पर मस्क ने कहा कि वह पूरी पारदर्शिता बरतने की कोशिश कर रहे हैं। डीओजीई टीम के एक और फैसले ने भी आलोचकों की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह एजेंसी अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के माध्यम से लाखों अमेरिकी नागरिकों की व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी तक पहुंच बना चुकी है। इस खुलासे के बाद कई सांसदों और मानवाधिकार संगठनों ने इसपर सख्त आपत्ति जताई है।

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