
बरेली न्यूज़: आंवला-अलीगंज रोड के किनारे स्थित एथनॉल प्लांट में सोमवार सुबह बॉयलर फटने से इतना तेज धमाका हुआ कि आसपास का इलाका दहल गया। घटना से आसपास के क्षेत्र में 15 मिनट तक दहशत का माहौल रहा।
खेत में पड़ी बॉयलर की कैप
बरेली के बिशारतगंज थाना क्षेत्र में आंवला-अलीगंज रोड पर जिंदल ग्रुप के नए बने एथनॉल प्लांट का बॉयलर सोमवार सुबह जोरदार धमाके के साथ फट गया। इससे आसपास का इलाका हिल गया। प्लांट में आग लग गई। बॉयलर का भारी भरकम कैप हवा में उड़कर लगभग चार सौ मीटर दूर खेत में जा गिरा। खेतों में काम कर रहे किसान डरकर भाग गए। एक किसान घायल हो गया। धमाका इतना तेज था कि पास के गांव इस्माइलपुर में घरों की दीवारें तक हिल गईं। लोग समझ नहीं पाए कि आखिर क्या हुआ। बाद में पता चला कि एथनॉल प्लांट में आग लगी है। घटना के दौरान प्रबंधन के लोग वहां से चले गए थे। फायर ब्रिगेड की सात गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। इस घटना में प्लांट में काम कर रहे दो मजदूर झुलस गए हैं, जिनका इलाज बरेली के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
प्लांट में लगी आग
बिशारतगंज क्षेत्र में आंवला-अलीगंज रोड के किनारे जिंदल ग्रुप ने एसएनजे बायो प्रोडक्ट्स के नाम से एथनॉल प्लांट बनाया है। सोमवार को सुबह 11 बजे ओवरहीट होने से प्लांट में आग लग गई और तेज धमाके के साथ बॉयलर फट गया। बॉयलर का कैप लगभग चार सौ मीटर दूर गेहूं के खेत में जा गिरा। वहीं, उसके टुकड़े इधर-उधर बिखर गए। हादसे के वक्त खेत पर काम कर रहे इस्माइलपुर निवासी किसान कुंभकरण भागते समय गिरकर घायल हो गए। बॉयलर के पास काम कर रहे अलीगंज के पांडी गांव निवासी मजदूर आदेश व चंद्रेश झुलस गए।
फायर ब्रिगेड ने बुझाई आग
प्लांट में धमाके की सूचना पर आंवला व बरेली से दमकल की सात गाड़ियां, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें पहुंच गईं। इफको व रेलवे स्टेशन रोड स्थित तेल डिपो की फायर यूनिट ने मौके पर पहुंचकर घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। घटना के बाद अधिकारियों ने मौके से लगभग 100 मीटर दूर बने एथनॉल भंडारण टैंकों को काफी देर तक पानी डालकर ठंडा किया। डर था कि आग की गर्मी से उन टैंकों में भाप बनकर धमाका न हो जाए।
एथनॉल प्लांट में लगी आग विशेषज्ञ की गैरमौजूदगी में हो रही थी टेस्टिंग
पुलिस, प्रशासन व संबंधित विभागों के अधिकारियों की काफी देर बाद प्लांट के प्रबंधक अमन तिवारी से बात हुई। उन्होंने बताया कि प्लांट का अभी ट्रायल चल रहा है। हमारी टीम ब्लोइंग टेस्ट कर रही थी, तभी यह हादसा हो गया। कारणों की जांच की जा रही है। हालांकि, कुछ मजदूरों ने दबी जुबान बताया कि प्लांट में टेस्टिंग के दौरान कोई विशेषज्ञ मौजूद नहीं था। अगर विशेषज्ञ की मौजूदगी में टेस्टिंग की जाती तो शायद हादसा टल सकता था। एनओसी के बारे में पूछने पर अग्निशमन विभाग के अधिकारी का कहना है कि प्रबंधन से रिकॉर्ड मांगा गया है। जांच के बाद ही एनओसी व वजह के बारे में बता सकते हैं।
घटना के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारी मक्का व चावल से तैयार करते हैं एथनॉल
वहां मौजूद ठेकेदार ने बताया कि इस प्लांट में मक्के व चावल से एथनॉल तैयार किया जाता है। एथनॉल अब पेट्रोल के साथ भी मिलाकर बेचा जाता है। इस प्लांट की क्षमता चार लाख लीटर की है। प्लांट कर्मियों ने बताया कि अनाज का मिश्रण स्टीम के माध्यम से रस के रूप में फरमेंटर टैंक में जाता है। तकनीक का उपयोग कर टैंक में एथनॉल बनता है। इसी टैंक में धमाका हो गया।
गेहूं के खेत में पड़ा बॉयलर का हिस्सा फसल में आग की चिंता सताई
किसान कुंभकरण ने बताया कि वह खेत में काम कर रहे थे, तभी अचानक तेज धमाका हुआ। धरती कांप गई। उनकी नजर ऊपर गई तो एक विशाल चीज नीचे गिर रही थी। उससे बचने के लिए वह खेत से भाग खड़े हुए। भागते समय वह गिरकर घायल हो गए। उन्होंने बताया कि प्लांट के चारों ओर सैकड़ों बीघा जमीन पर गेहूं की पकी फसल खड़ी है। गनीमत रही कि बॉयलर का कैप खेतों में गिरने के बाद फसलों में आग नहीं लगी, वरना हादसा बड़ा हो सकता था।
सेफ्टी सिस्टम हुआ फेल, धमाके के बाद भागे कर्मचारी
एथनॉल प्लांट का बॉयलर फटने से आसपास के इलाके में 15 मिनट तक दहशत का माहौल रहा। फैक्ट्री कर्मचारी दीवार फांदकर भागे। आसपास के ग्रामीण भी जिस हालत में थे, भाग निकले। इस दौरान प्लांट का फायर सेफ्टी सिस्टम भी फेल रहा, जिससे आग और भड़क गई। धमाके से आसपास के घरों की दीवारें हिल गईं। प्लांट की एनओसी के बारे में अफसरों को भी जानकारी नहीं है। प्रबंधन से रिकॉर्ड मांगा गया है।
घटना के बाद प्लांट के फायर सेफ्टी सिस्टम को ऑपरेट करने वाला कर्मचारी मौके से भाग गया। प्लांट का गेट बंद था। जब सभी कर्मचारी गेट खुलवाने पर अड़ गए तो चौकीदार घबराकर भाग गया। तब जल्दबाजी में कई कर्मचारी दीवार कूदकर निकल भागे। पहले ही दिन ड्यूटी करने पहुंचे एक कर्मचारी ने वहां का माहौल बताया। हालांकि, बाद में गेट खुलने पर बाकी लोग भी गेट से बाहर आ गए।
इसी जगह से उड़ा था बॉयलर का हिस्सा
एक कर्मचारी ने बताया कि पुलिस व फायरब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं तो अंदर फायर सेफ्टी सिस्टम लगा देखा। इसे चालू करने के लिए कहा तो बैटरी डिस्चार्ज निकली। काफी मशक्कत के बावजूद फायर सेफ्टी सिस्टम चालू नहीं हो सका। हालांकि, आग बुझाने वाले गिनती के सिलेंडर वहां मौजूद थे, लेकिन उनसे कोई फायदा नहीं हुआ। दमकल को ही बार-बार पानी भरकर आग बुझानी पड़ी।