
नवरात्रि के दूसरे दिन मां के द्वितीय स्वरूप, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान और तप की देवी के रूप में पूजा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी, और इसी तपस्या के कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी का रूप प्राप्त हुआ।
पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
इस दिन विशेष रूप से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए। श्रद्धालु व्रत रखते हुए दिनभर उपवासी रहते हैं और रात्रि में मां की पूजा-अर्चना करते हैं। पूजा के दौरान खास रूप से देवी के 108 नामों का जाप और भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है।
नवरात्रि के इस दिन के शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए पूजा करनी चाहिए, ताकि देवी की कृपा से मनोकामनाएं पूरी हो सकें।
सारांश: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में विशेष ध्यान रखें और सही विधि से पूजा कर मां का आशीर्वाद प्राप्त करें।