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BY: Yoganand Shrivastva

बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच कथित खींचतान की खबरें समय-समय पर सुर्खियां बटोरती रही हैं। हाल के दिनों में एक बार फिर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई थीं। लेकिन अब इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस हाईकमान और पार्टी प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला की ओर से स्थिति स्पष्ट कर दी गई है।

रणदीप सुरजेवाला ने कर्नाटक में चल रहे सियासी उथल-पुथल पर विराम लगाते हुए स्पष्ट कहा है कि मुख्यमंत्री पद में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यानी सिद्धारमैया ही राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।


विधायकों को चेतावनी: मतभेद फोरम के भीतर रखें

रणदीप सुरजेवाला ने कर्नाटक में पार्टी विधायकों से बातचीत के दौरान यह भी साफ संदेश दिया कि किसी भी प्रकार का असंतोष या आंतरिक मतभेद पार्टी फोरम के भीतर ही रखा जाए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कोई भी बात मीडिया या सार्वजनिक रूप में सामने नहीं आनी चाहिए।


क्या थी बैठक की असली वजह?

हालांकि, इस बैठक को लेकर मीडिया में तरह-तरह की चर्चाएं थीं, लेकिन कांग्रेस संगठन की ओर से कहा गया कि यह बैठक केवल संगठनात्मक कार्यों और सरकारी योजनाओं की जमीनी स्थिति की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी।
सुरजेवाला ने यह भी जांच की कि क्या ‘गारंटी स्कीम्स’ जैसी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंच रहा है या नहीं।


मल्लिकार्जुन खरगे का बयान: अंतिम फैसला आलाकमान का होगा

इस पूरे विवाद पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि पार्टी में कोई भी बड़ा निर्णय केवल आलाकमान द्वारा लिया जाएगा। खरगे ने यह भी दोहराया कि किसी को भी संगठन के अंदर अनावश्यक भ्रम या विवाद की स्थिति नहीं पैदा करनी चाहिए।


सीएम सिद्धारमैया का दावा: सरकार पूरी मियाद तक चलेगी

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी और भरोसा जताया कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार पूरे 5 साल का कार्यकाल मजबूती से पूरा करेगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच किसी भी तरह का तनाव नहीं है। “हम दोनों के बीच अच्छे संबंध हैं,” सिद्धारमैया ने कहा।


विवाद की जड़: ढाई-ढाई साल की मुख्यमंत्री योजना?

2023 में जब कांग्रेस ने कर्नाटक में सत्ता संभाली थी, तब मुख्यमंत्री पद के लिए दो मजबूत दावेदार सामने आए — सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार। अंततः पार्टी हाईकमान ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री पद सौंपा।

तब से यह चर्चा चल रही है कि दोनों नेताओं के बीच ढाई-ढाई साल के कार्यकाल को लेकर आंतरिक सहमति बनी है, जिसमें शिवकुमार को 2025 के बाद सीएम पद सौंपा जा सकता है। हालांकि, कांग्रेस ने आज तक इस दावे की ना तो पुष्टि की है, और ना ही इसे खारिज किया है


राजनीतिक विश्लेषण: 2028 के लोकसभा चुनावों की तैयारी में फोकस

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि फिलहाल कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव 2029 को लेकर अपने गढ़ को मजबूत करने की कोशिश में लगी है। नेतृत्व परिवर्तन जैसे संवेदनशील निर्णय फिलहाल पार्टी के लिए जोखिम भरे हो सकते हैं।

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