Skip to content
1. विधेयक का उद्देश्य:
- वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, संचालन और निगरानी में सुधार।
- वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन के द्वारा वक्फ संपत्तियों का अधिक प्रभावी और न्यायसंगत उपयोग सुनिश्चित करना।
2. मुख्य संशोधन और सुधार:
- गैर-मुस्लिम प्रतिनिधित्व:
- राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा।
- महिला प्रतिनिधित्व:
- वक्फ बोर्ड की संरचना में महिला प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा, जिससे लिंग विविधता सुनिश्चित होगी।
- सत्यापन प्रक्रियाओं में सुधार:
- वक्फ संपत्तियों के दावों के लिए अनिवार्य सत्यापन प्रक्रियाएं लागू की जाएंगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और अवैध कब्जों को रोका जाएगा।
- जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका:
- वक्फ संपत्तियों की देखरेख के लिए जिला मजिस्ट्रेटों की भूमिका बढ़ाई जाएगी।
- वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कमी:
- वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित शक्तियों को सीमित किया जाएगा, ताकि वे बिना उचित जांच के संपत्तियों को वक्फ घोषित न कर सकें।
- वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण:
- वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए उनका डिजिटलीकरण किया जाएगा।
- ऑडिट प्रणाली में सुधार:
- वक्फ संपत्तियों की ऑडिट प्रणाली को सुधार कर वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
- अवैध कब्जों की रोकथाम:
- अवैध रूप से कब्जे गए वक्फ संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी प्रणाली में सुधार किया जाएगा।
- वक्फ न्यायाधिकरण की शक्तियों में वृद्धि:
- वक्फ से संबंधित विवादों के शीघ्र निपटारे के लिए वक्फ न्यायाधिकरण की शक्तियों में वृद्धि की जाएगी।
- वक्फ संपत्तियों के अनधिकृत हस्तांतरण पर कड़ी कार्रवाई:
- वक्फ संपत्तियों के अनधिकृत हस्तांतरण के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा।
- मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति:
- वक्फ बोर्ड के लिए वरिष्ठ स्तर के अधिकारी को मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
- वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव:
- विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करते हुए वक्फ बोर्ड की संरचना को और प्रभावी बनाया जाएगा।
3. विधेयक पर विवाद:
- विपक्षी सांसदों का कहना है कि यह विधेयक असंवैधानिक है और इससे वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली कमजोर हो जाएगी।
- सत्ता पक्ष का तर्क है कि इससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आधुनिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी।
4. जेपीसी की रिपोर्ट:
- संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने विधेयक के सभी पहलुओं पर विचार किया और 14 संशोधनों को मंजूरी दी।
- रिपोर्ट को लोकसभा में पेश किया जाएगा और आगे की विधायी प्रक्रिया को गति मिलेगी।
Post Views: 40