
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने और बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। इस योजना के तहत, पूरे प्रदेश में लगभग 78,000 एकड़ का एक विशाल लैंड बैंक (भूमि बैंक) स्थापित करने की तैयारी है। यह पहल निवेशकों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेश के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
लैंड बैंक निर्माण की व्यापक रणनीति:
इस विशाल लैंड बैंक को तैयार करने के लिए सरकार एक बहुआयामी रणनीति अपना रही है। इसमें निम्नलिखित प्रमुख उपाय शामिल हैं:
- आईडीए की भूमि का उपयोग: विभिन्न औद्योगिक विकास प्राधिकरणों (आईडीए) के पास उपलब्ध भूमि का प्राथमिकता के आधार पर आवंटन किया जाएगा। इसमें आवंटन के लिए तैयार भूमि के साथ-साथ अधिग्रहण की प्रक्रियाधीन भूमि भी शामिल है।
- बीमार औद्योगिक इकाइयों से भूमि का अधिग्रहण: राज्य में बंद पड़ी या रुग्ण औद्योगिक इकाइयों की भूमि का उपयोग नए निवेश परियोजनाओं के लिए किया जाएगा। इससे न केवल भूमि की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि इन इकाइयों की परिसंपत्तियों का भी बेहतर उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।
- कम उपयोग वाली विभागीय भूमि का हस्तांतरण: विभिन्न सरकारी विभागों के पास ऐसी कई भूमियां हैं जिनका वर्तमान में पूर्ण उपयोग नहीं हो रहा है। ऐसी भूमि को चिन्हित कर औद्योगिक विकास के लिए हस्तांतरित किया जाएगा।
- जिलाधिकारियों और प्राधिकरण उपाध्यक्षों को लक्ष्य: लैंड बैंक के निर्माण में तेजी लाने के लिए, सभी जिलाधिकारियों और संबंधित विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों को भूमि अधिग्रहण के विशिष्ट लक्ष्य आवंटित किए जाएंगे। इससे समयबद्ध तरीके से भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।
मुख्य सचिव की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक:
इन महत्वपूर्ण पहलों की प्रगति की समीक्षा के लिए, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मंगलवार को लोक भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की। इस बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में प्रस्तावित प्रमुख निवेश परियोजनाओं की गहन समीक्षा की गई, खासकर आगामी ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह (जीबीसी) के लिए उनकी तैयारियों का आकलन किया गया। बैठक में इन्वेस्ट यूपी के वरिष्ठ अधिकारी, संबंधित विभागों के प्रमुख और विभिन्न विकास प्राधिकरणों के अधिकारियों ने भौतिक और वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। इस संयुक्त प्रयास का उद्देश्य उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निवेश की गति को तेज करना है, जिसमें औद्योगिक निवेश और विकास नीति (आईआईडीडी) के तहत 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य भी शामिल है।
प्रत्येक विभाग के लिए 10 एंकर इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य:
बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय यह लिया गया कि राज्य की विभिन्न औद्योगिक नीतियों के तहत प्रत्येक विभाग कम से कम 10 ‘एंकर इकाइयां’ (बड़ी और प्रतिष्ठित औद्योगिक इकाइयां जो अन्य छोटे उद्योगों को आकर्षित करती हैं) स्थापित करने का लक्ष्य रखेगा। मुख्य सचिव ने संबंधित सभी हितधारकों को निर्देश दिए कि वे आगामी जीबीसी में पात्र निवेश परियोजनाओं को शामिल करने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करें।
पीएम गति शक्ति पोर्टल पर डेटा अपडेट करने के निर्देश:
मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों को यह भी सख्त निर्देश दिया कि वे इन्वेस्ट यूपी और रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर-उत्तर प्रदेश (आरएसएसी-यूपी) के साथ समन्वय स्थापित कर पीएम गति शक्ति पोर्टल पर परियोजनाओं से संबंधित सभी डेटा को नियमित रूप से अपडेट करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विभागों को निर्बाध परियोजना नियोजन और कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए पोर्टल का सक्रिय रूप से उपयोग करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा या कमी का समय पर विश्लेषण किया जा सके।
200 करोड़ रुपये से अधिक की निवेश परियोजनाओं पर विशेष ध्यान:
बैठक के दौरान, इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद ने 200 करोड़ रुपये से अधिक की बड़ी निवेश परियोजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की। उन्होंने राज्य में व्यापार करने की सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस – ईओडीबी) के महत्व को रेखांकित किया, खासकर मौजूदा और संभावित निवेशकों के लिए। उन्होंने राज्य के निवेश पारिस्थितिकी तंत्र को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए लागू की गई 34 परिचालन नीतियों और विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया।
निष्कर्ष:
उत्तर प्रदेश सरकार का 78,000 एकड़ का लैंड बैंक विकसित करने का यह महत्वाकांक्षी कदम राज्य में औद्योगिक विकास को एक नई दिशा देगा। विभिन्न स्रोतों से भूमि का अधिग्रहण और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अनुकूल नीतियों का कार्यान्वयन, उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। मुख्य सचिव की सक्रियता और विभागों के समन्वय से यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य जल्द ही अपने औद्योगिक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होगा, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक मजबूत आधार मिलेगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।