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by-Ravindra Singh Sikarwar

नई दिल्ली: एक हालिया अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनके अनुसार पाकिस्तान अपने परमाणु शस्त्रागार को लगातार उन्नत कर रहा है और इसमें उसे चीन से महत्वपूर्ण सहायता मिल रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान भारत को अपने ‘अस्तित्व के लिए खतरा’ मानता है और इसी कारण वह अपनी पारंपरिक सैन्य ताकत में भारत के मुकाबले को कम करने के लिए परमाणु हथियारों के विकास पर जोर दे रहा है।

परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण:
अमेरिकी डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को आधुनिक बनाने और उन्हें दागने की प्रणालियों (delivery systems) को बेहतर करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसमें छोटे सामरिक परमाणु हथियारों (tactical nuclear weapons) का निर्माण भी शामिल है, जैसे कि कम दूरी की नस्र मिसाइल (Hatf-IX), जिसका पाकिस्तान अक्सर प्रदर्शन करता रहता है। वर्तमान अनुमानों के अनुसार, पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियार हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ने की आशंका है।

चीन की भूमिका:
रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पाकिस्तान को चीन से आर्थिक और सैन्य दोनों तरह की सहायता मिल रही है। यह सहायता पाकिस्तान के विनाशकारी हथियार कार्यक्रमों के लिए आवश्यक सामग्री और प्रौद्योगिकी की आपूर्ति में महत्वपूर्ण है। यह सामग्री अक्सर हांगकांग, सिंगापुर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के माध्यम से पाकिस्तान तक पहुंचाई जाती है। चीनी सेना और पाकिस्तानी सेना के बीच नियमित रूप से संयुक्त सैन्य अभ्यास भी होते हैं, जो दोनों देशों के बीच गहरे सैन्य सहयोग को दर्शाते हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से जुड़े चीनी नागरिकों पर हुए आतंकवादी हमलों के कारण दोनों देशों के संबंधों में कुछ तनाव भी देखने को मिला है।

भारत को ‘अस्तित्व का खतरा’ मानना:
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान भारत को अपने लिए एक गंभीर खतरा मानता है। पाकिस्तान का मानना है कि भारत की बढ़ती पारंपरिक सैन्य क्षमता उसके लिए चुनौती है, और इसी कारण वह अपने परमाणु हथियारों को प्रतिरोधक क्षमता के रूप में विकसित कर रहा है। पाकिस्तान की कोई स्पष्ट ‘पहले इस्तेमाल न करने’ (No First Use – NFU) की परमाणु नीति नहीं है, जबकि भारत की नीति स्पष्ट रूप से परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल न करने पर आधारित है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान अक्सर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की ‘धमकी’ देकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा है।

भारत-पाकिस्तान संबंधों में हालिया तनाव:
यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव देखने को मिला है। मई के मध्य में दोनों सेनाओं के बीच सीमा पार से हमले और गोलाबारी की खबरें आई थीं, हालांकि बाद में दोनों पक्षों ने युद्धविराम पर सहमति व्यक्त की थी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत चीन को अपना प्राथमिक विरोधी मानता है, जबकि पाकिस्तान को एक सहायक सुरक्षा समस्या के रूप में देखता है।

कुल मिलाकर, अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि यह परमाणु हथियारों के प्रसार और क्षेत्रीय अस्थिरता की संभावनाओं को बढ़ा सकती है।

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