
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को पिछली सदी की सबसे कठोर व्यापार नीतियों की घोषणा की, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बने वैश्विक व्यापारिक ढांचे को गहरा झटका लग सकता है। इस फैसले से अर्थव्यवस्था पर अप्रत्याशित जोखिम उत्पन्न होने की संभावना है।
अमेरिकी टैरिफ में 15% की बढ़ोतरी
नए प्रतिबंधों के तहत, अमेरिका द्वारा सभी देशों पर लगाए जाने वाले औसत टैरिफ में इस साल लगभग 15 प्रतिशत अंकों की वृद्धि होगी। यह कदम वैश्विक व्यापार पर दूरगामी प्रभाव डाल सकता है और कई देशों की आयात-निर्यात नीतियों को प्रभावित कर सकता है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर
- व्यापार युद्ध गहराने की आशंका – अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि से चीन, यूरोपीय संघ और अन्य व्यापारिक साझेदार देशों के साथ तनाव बढ़ सकता है।
- महंगाई दर में उछाल – उच्च टैरिफ के कारण आयातित वस्तुएं महंगी हो सकती हैं, जिससे महंगाई बढ़ने की संभावना है।
- अमेरिकी कंपनियों पर असर – उत्पादन लागत बढ़ने से अमेरिकी कंपनियों को भी नुकसान हो सकता है और वे अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाने पर मजबूर हो सकती हैं।
- वैश्विक व्यापार पर दबाव – ट्रम्प के इस फैसले से वैश्विक व्यापार संतुलन बिगड़ सकता है और कई देशों को अपनी आर्थिक नीतियों में बदलाव करना पड़ सकता है।
व्यापारिक विशेषज्ञों की राय
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ट्रम्प के ये नए टैरिफ नीति वैश्विक व्यापार को अस्थिर कर सकते हैं। इससे कई देशों को नई व्यापारिक रणनीतियां अपनाने पर मजबूर होना पड़ सकता है।
ट्रम्प का यह कदम आने वाले समय में वैश्विक व्यापारिक समीकरणों में बड़े बदलाव का संकेत देता है। अब यह देखना होगा कि अन्य देश इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था को किस दिशा में ले जाता है।