
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी गहरी दोस्ती के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे ट्रंप के साथ उनकी पहली मुलाकात में ही ट्रंप ने सुरक्षा प्रोटोकॉल को नजरअंदाज कर दिया और हाउडी मोदी कार्यक्रम में भीड़ में उनके साथ चलने का निर्णय लिया। ये बातें मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक साक्षात्कार में साझा कीं।
ट्रंप से दोस्ती की गहरी बातें
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने और ट्रंप के रिश्ते के बारे में कई दिलचस्प घटनाएं बताईं। उन्होंने बताया कि जब वह पहली बार व्हाइट हाउस गए थे, तब ट्रंप ने प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए उनका स्वागत किया। मोदी ने कहा, “जब मैं व्हाइट हाउस पहुंचा, तो राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले ही मिनट में सारे प्रोटोकॉल की दीवारें तोड़ दीं।” उन्होंने बताया कि मीडिया में ट्रंप के बारे में बहुत कुछ लिखा जा रहा था, लेकिन जब उन्होंने उनसे मुलाकात की, तो ट्रंप ने बेहद खुले तरीके से बात की और उन्हें अमेरिका की संस्थाओं और इतिहास का सम्मान दिखाया।
ट्रंप की देशप्रेम भावना
मोदी ने ट्रंप के देशप्रेम को भी विशेष रूप से सराहा। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने व्हाइट हाउस का दौरा करते हुए अमेरिका के इतिहास और संस्थाओं का बहुत सम्मान दिखाया। “जब वह मुझे व्हाइट हाउस घुमा रहे थे, तब उनके हाथ में कोई कागज या पर्ची नहीं थी। वे बिना किसी मदद के हर चीज के बारे में मुझे बता रहे थे, जैसे कि अब्राहम लिंकन कहां रहते थे, उस कोर्ट का इतिहास क्या है, और कौन से राष्ट्रपति ने किस टेबल पर सिग्नेचर किए थे,” मोदी ने कहा।
चुनाव हारने के बाद भी याद करते रहे ट्रंप
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि ट्रंप चुनाव हारने के बाद भी उन्हें याद करते रहे। मोदी ने कहा, “मैंने देखा कि जब बाइडन ने चुनाव जीते, तो ट्रंप ने मुझे कई बार याद किया। उन्होंने कहा, ‘मोदी मेरा दोस्त है’।”
हाउडी मोदी कार्यक्रम की यादें
मोदी ने ह्यूस्टन में हुए हाउडी मोदी कार्यक्रम का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम अमेरिका में राजनीतिक रैलियों के लिए एक ऐतिहासिक घटना थी, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में लोग एक राजनीतिक रैली में शामिल हुए थे। मोदी ने कहा, “यह ट्रंप का बड़प्पन था कि वह स्टेडियम में नीचे बैठकर कार्यक्रम सुन रहे थे।”
ट्रंप का भरोसा और साहस
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के साहस की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने बिना किसी सुरक्षा चिंता के उनके साथ स्टेडियम में चलने का फैसला किया। मोदी ने बताया, “जब मैंने उनसे कहा कि क्या आप हमारे साथ स्टेडियम का चक्कर लगा सकते हैं, तो बिना एक पल की देर किए, ट्रंप मेरे साथ चल पड़े। यह अमेरिका की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने जैसा था, लेकिन ट्रंप ने मेरे ऊपर भरोसा जताया और मेरे साथ चल पड़े।”
भारत और अमेरिका के बीच विश्वास
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ट्रंप और वह दोनों अपने-अपने देशों के प्रति पूरी निष्ठा रखते हैं। “मैं भारत फर्स्ट हूं और ट्रंप अमेरिका फर्स्ट हैं। हमारे बीच विश्वास और सामंजस्य की भावना इस तरह की घटनाओं में दिखती है,” मोदी ने कहा।
इस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के साथ अपनी दोस्ती और आपसी विश्वास की कई ऐसी बातें साझा कीं, जो पहले कभी सार्वजनिक नहीं हुई थीं।