by-Ravindra Sikarwar
ठाणे, मुंबई (महाराष्ट्र): मुंबई से सटे ठाणे जिले के मुंब्रा इलाके के पास एक हृदय विदारक ट्रेन हादसा सामने आया है, जिसमें एक खचाखच भरी लोकल ट्रेन से गिरने के बाद कम से कम पांच यात्रियों की मौत की आशंका जताई जा रही है। यह घटना मुंबई की उपनगरीय ट्रेनों में अत्यधिक भीड़भाड़ की गंभीर समस्या को एक बार फिर उजागर करती है, जहां हर दिन लाखों लोग अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा करते हैं।
दुर्घटना का विवरण:
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना तब हुई जब एक लोकल ट्रेन मुंब्रा से गुजर रही थी। ट्रेन में क्षमता से कहीं अधिक भीड़ थी, जिसके कारण कई यात्री दरवाजों पर लटके हुए यात्रा कर रहे थे। ऐसा माना जा रहा है कि यात्रियों की अत्यधिक संख्या और ट्रेन के हिलने-डुलने के कारण संतुलन बिगड़ने से कुछ यात्री चलती ट्रेन से नीचे गिर गए।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, घटनास्थल से पांच यात्रियों के शव बरामद किए गए हैं, जिससे उनकी मौत की पुष्टि हुई है। हालांकि, यह संख्या बढ़ भी सकती है, क्योंकि घायल हुए या लापता हुए लोगों की तलाश जारी है। घायलों को तत्काल स्थानीय अस्पतालों में ले जाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
यातायात बाधित और जांच शुरू:
इस घटना के कारण मुंबई की व्यस्त लोकल ट्रेन सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है। मध्य रेलवे मार्ग पर यातायात बाधित हो गया है, जिससे हजारों यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। रेलवे पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और मामले की जांच कर रहे हैं।
यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि घटना के पीछे क्या विशिष्ट कारण थे – क्या यह केवल अत्यधिक भीड़ थी, या इसमें किसी तकनीकी खराबी या मानवीय त्रुटि का भी योगदान था। रेलवे के उच्च अधिकारी भी स्थिति का जायजा लेने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों पर विचार करने के लिए जुट गए हैं।
लगातार भीड़भाड़ की समस्या:
मुंबई की लोकल ट्रेनें शहर की जीवनरेखा मानी जाती हैं, लेकिन इनमें बढ़ती भीड़भाड़ एक दशकों पुरानी और अनसुलझी समस्या है। हर दिन लाखों लोग, विशेषकर पीक आवर्स में, इन ट्रेनों में तिल रखने की जगह न होने के बावजूद यात्रा करने को मजबूर होते हैं। यह स्थिति न केवल असुविधाजनक है, बल्कि जानलेवा भी साबित होती है, जैसा कि आज की घटना ने दिखाया है।
यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे और सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। अतिरिक्त ट्रेनों को चलाने, बुनियादी ढांचे में सुधार करने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपाय करने की मांग फिर से उठ रही है। इस दुखद घटना ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया है कि मुंबई की लोकल ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।