
गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश। गाजियाबाद में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां ACP अंकुर विहार कार्यालय की छत गिरने से 58 वर्षीय सब-इंस्पेक्टर वीरेंद्र मिश्रा की मलबे में दबकर दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा शनिवार-रविवार की दरमियानी देर रात हुआ, जिसने पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया है। मृतक वीरेंद्र मिश्रा ACP कार्यालय में पेशकार के रूप में तैनात थे और घटना के समय कार्यालय में ही सो रहे थे।
दुर्घटना का पूरा विवरण
जानकारी के अनुसार, शनिवार रात करीब 2:30 बजे तेज बारिश के दौरान ACP अंकुर विहार कार्यालय के एक कमरे की छत अचानक भरभरा कर गिर गई। उस समय सब-इंस्पेक्टर वीरेंद्र मिश्रा कमरे के अंदर सो रहे थे। छत का मलबा सीधे उनके ऊपर गिरा, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। रविवार सुबह जब अन्य पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग कार्यालय पहुंचे, तो उन्होंने मलबे में दबे वीरेंद्र मिश्रा को देखा। उन्हें बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
जर्जर भवनों पर उठे सवाल
ACP अंकुर विहार, अजय कुमार ने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा तेज बारिश के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। जांच में इस बात का पता लगाया जाएगा कि भवन की जर्जर स्थिति के बावजूद वहां सरकारी कार्य क्यों चल रहा था और पुलिसकर्मियों को वहां क्यों ठहराया जा रहा था।
यह घटना शहर में जर्जर हो चुके सरकारी और निजी भवनों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। गौरतलब है कि इससे पहले 15 मई को तुलसी निकेतन में एक बालकनी गिरने से दो लोगों की मौत हो गई थी। उस घटना के बाद, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने 418 करोड़ रुपये की लागत से 2,000 से अधिक फ्लैटों के पुनर्विकास की योजना बनाई थी। अब इस ताजा घटना ने एक बार फिर से पुराने और जर्जर ढांचों की मरम्मत और सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता को उजागर कर दिया है।