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जनरल कोच के गेट पर बीड़ी पीने की ‘सजा’ बनी जानलेवा

टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने पुलिस की बर्बरता और असंवेदनशीलता की भयावह तस्वीर पेश की है। जिले में एक गरीब मजदूर को कथित तौर पर ट्रेन में पुलिसकर्मियों द्वारा बेरहमी से पीटा गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मजदूर का एकमात्र ‘अपराध’ यह था कि वह जनरल कोच के डिब्बे में बैठा हुआ था और उसने गेट पर जाकर बीड़ी पी ली थी।

यह घटनाक्रम उस समय हुआ जब मजदूर किसी यात्रा पर था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ पुलिसकर्मी बोगी में गश्त कर रहे थे, जिन्होंने मजदूर को गेट पर बीड़ी पीते हुए देखा। मामूली सी इस बात पर पुलिसकर्मी आपा खो बैठे और मजदूर के साथ गाली-गलौज करने लगे। आरोप है कि इसके बाद उन्होंने मजदूर को बुरी तरह से पीटना शुरू कर दिया।

सूत्रों के मुताबिक, पुलिसकर्मियों ने मजदूर पर लाठियों और अन्य कठोर वस्तुओं से हमला किया। मजदूर चीखता रहा और उनसे रहम की भीख मांगता रहा, लेकिन पुलिसकर्मियों का दिल नहीं पसीजा। पिटाई इतनी गंभीर थी कि मजदूर बुरी तरह से घायल हो गया और कुछ समय बाद उसने दम तोड़ दिया।

इस घटना की खबर फैलते ही इलाके में सनसनी फैल गई। मृतक के परिवार और स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि एक छोटी सी गलती के लिए किसी की जान लेना सरासर अन्याय और पुलिस की मनमानी है। उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

घटना की गंभीरता को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के उच्च अधिकारी भी घटना स्थल पर पहुँच गए हैं और मामले की तहकीकात कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पिटाई करने वाले पुलिसकर्मी कौन थे और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है या नहीं।

यह घटना एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली और उनके द्वारा आम नागरिकों के साथ किए जाने वाले व्यवहार पर गंभीर सवाल उठाती है। यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या कानून के रखवालों को इतनी क्रूरता बरतने का अधिकार है, खासकर जब मामला इतना मामूली हो।

मृतक का परिवार गहरे सदमे में है। उनका एकमात्र सहारा उनसे छीन लिया गया है, और उन्हें अब न्याय की उम्मीद है। स्थानीय लोगों ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएं।

इस मामले में आगे की जांच जारी है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या दोषियों को सजा मिलती है और क्या पुलिस विभाग अपनी कार्यशैली में सुधार लाता है ताकि ऐसी दुखद घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके। यह घटना निश्चित रूप से कानून व्यवस्था और मानवाधिकारों के संरक्षण को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े करती है।

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