उत्तरप्रदेश के गौतमबुद्धनगर से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। जहां एक आईएएस अधिकारी की तीन पत्नियां सामने आई और तीनों ने ही आईएएस अधिकारी के करोड़ों की संपत्तियों पर अपना दावा ठोक दिया है। खास बात यह है कि तीनों महिलाओं ने लीगल दस्तावेज भी प्रशासन को मुहैया कराए, जिसमें शार्दी सर्टिफिकेट एवं मृत्यु प्रमाण पत्र शामिल है। मामले के सामने आने से अधिकारी भी भौचक्के रह गए है। फिलहाल मामले की जांच शुरू हो गई है।
यह है पूरा मामला
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हरी शंकर मिश्रा पीसीएस अफसर थे जो प्रमोशन के बाद आईएएस बने। 2014 में वह रिटायर भी हो चुके हैं। बीते 11 जुलाई 2024 को उनकी मौत हो गई। रिटायर्ड अफसर की मौत को एक महीना ही बीता था कि एक महिला नोएडा अथॉरिटी पहुंचती है और अपना नाम शीबा शिखा बताती है। महिला के मुताबिक वह रिटायर्ड अफसर की पत्नी है। उसने शादी और डेथ सर्टिफिकेट भी अधिकारियों को दिखाए और मृतक अफसर की संपत्ति ट्रांसफर करने के लिए आवेदन किया।
डॉक्यूमेंट देखने के बाद नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर 62 में आरएन.14 की जगह महिला के नाम कर दी। इसकी कीमत करीब 10 करोड़ रुपये है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि महिला ने जो मैरिज सर्टिफिकेट लगाया वह रिटायर्ड अफसर की मौत से 8 दिन पहले 3 जुलाई 2024 का है। यहां तक तो सब ठीक था लेकिन 23 दिसंबर को एक और महिला अथॉरिटी पहुंचकर अफसर की संपत्ति पर दावा ठोक देती है। उसका कहना है कि 27 साल पहले दोनों की शादी हुईण् उसके दो बच्चे भी हैं।
हैरान करने वाली बात यह है कि प्राधिकरण में एक और महिला पहुंचती है जो खुद को मृतक रिटायर्ड अफसर की बेटी बताती है। उसका दावा है कि अफसर की असली पत्नी कुशीनगर में रहती हैं। वह बीमार हैं जिसकी वजह से वह दफ्तर नहीं आ सकीं। जब उससे डॉक्यूमेंट मांगे गये तो युवती ने मैरिज सर्टिफिकेट और डेथ सर्टिफिकेट सबके सामने रख दिया। जिसे देख हर कोई हैरान रह गया। सवाल बना हुआ है कि कौन असली है कौन नकली। फिलहाल रिटायर्ड आईएएस की संपत्ति के ट्रांसफर पर रोक लगा दी गई है।