The Sultan of Delhi became the line
दिल्ली: विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 70 में से 48 सीटों पर शानदार जीत हासिल की, जिससे 27 वर्षों के बाद पार्टी को राजधानी में सरकार बनाने का अवसर मिला। इस ऐतिहासिक जीत के बाद, मुख्यमंत्री पद के लिए कई नामों पर चर्चा हुई, जिनमें शालीमार बाग से नवनिर्वाचित विधायक रेखा गुप्ता का नाम प्रमुखता से सामने आया।
रेखा गुप्ता का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: 1974 में हरियाणा के जींद जिले के जुलाना उपमंडल के नंदगढ़ गांव में जन्मीं रेखा गुप्ता का परिवार 1996 में दिल्ली स्थानांतरित हो गया, जब उनके पिता भारतीय स्टेट बैंक में प्रबंधक बने। दिल्ली में अपनी स्कूली और उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद, रेखा ने एलएलबी की डिग्री हासिल की। उनका जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से रहा है, जहां उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
राजनीतिक करियर: रेखा गुप्ता तीन बार दिल्ली नगर निगम की पार्षद रह चुकी हैं, जिससे उन्हें स्थानीय राजनीति का व्यापक अनुभव प्राप्त हुआ। 2025 के विधानसभा चुनाव में, उन्होंने शालीमार बाग सीट से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार वंदना कुमारी को लगभग 30,000 वोटों के अंतर से हराया। उनकी इस प्रभावशाली जीत ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ में एक मजबूत दावेदार बना दिया।
मुख्यमंत्री पद की नियुक्ति: 19 फरवरी 2025 को भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से रेखा गुप्ता को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया। उनकी आरएसएस पृष्ठभूमि, संगठनात्मक कौशल और पार्टी नेतृत्व के साथ मजबूत संबंधों ने इस निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 20 फरवरी 2025 को, उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जिससे वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बन गईं।
भविष्य की चुनौतियाँ और अपेक्षाएँ: मुख्यमंत्री के रूप में, रेखा गुप्ता के सामने दिल्ली की जटिल समस्याओं का समाधान करने की चुनौती होगी, जिसमें प्रदूषण, ट्रैफिक जाम, महिला सुरक्षा और बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है। उनकी प्रशासनिक क्षमताओं और संगठनात्मक अनुभव के आधार पर, दिल्ली की जनता को उनसे सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है।
रेखा गुप्ता की नियुक्ति न केवल भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि यह दिल्ली की राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का प्रतीक भी है। उनकी नेतृत्व क्षमता और समर्पण से दिल्ली के विकास में नए आयाम जुड़ने की संभावना है।