by-Ravindra Sikarwar
महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक ही परिवार के 9 सदस्यों की संदिग्ध आत्महत्या ने दिल्ली के बुराड़ी में 2018 में हुई दुखद घटना की याद दिला दी है। पुलिस ने बताया कि मृतकों के शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं हैं, जिससे यह सामूहिक आत्महत्या का मामला लग रहा है।
यह घटना पश्चिमी महाराष्ट्र के म्हैसाल गांव में दो भाइयों के घरों में हुई। दोनों घर एक-दूसरे से करीब 1.5 किलोमीटर की दूरी पर हैं। एक घर से 6 शव और दूसरे घर से 3 शव बरामद किए गए।
क्या था बुराड़ी कांड?
यह घटना हमें 2018 के रोंगटे खड़े कर देने वाले दिल्ली के बुराड़ी कांड की याद दिलाती है, जब एक ही परिवार के 11 सदस्यों को अपने घर में मृत पाया गया था। सभी के शव फंदे से लटके हुए थे, उनकी आंखें पट्टी से बंधी थीं और हाथ-पैर बंधे हुए थे।
शुरुआत में पुलिस ने इसे हत्या का मामला मानकर जांच शुरू की थी, लेकिन बाद में मिले कुछ रजिस्टरों से पता चला कि परिवार कुछ अनुष्ठानों का पालन कर रहा था, जिससे मामले को एक नया मोड़ मिला। इस केस को सुलझाने के लिए पुलिस को अंधविश्वास, मनोविज्ञान, और आधुनिक जांच तकनीकों का सहारा लेना पड़ा। इस घटना पर आधारित ‘हाउस ऑफ सीक्रेट्स: द बुराड़ी डेथ्स’ नामक एक डॉक्यूसीरीज भी नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई है।
सांगली की 9 मौतों के पीछे का रहस्य:
इस संदिग्ध आत्महत्या के पीछे वित्तीय समस्याएं एक बड़ी वजह मानी जा रही हैं। मिराज डिवीजन के पुलिस उपाधीक्षक अशोक विरकर ने बताया, “हमें एक सुसाइड नोट मिला है। मरने वाले 9 लोग दो भाइयों के परिवार से थे – एक पशु चिकित्सक और दूसरा शिक्षक। सभी शुरुआती सबूत यही इशारा करते हैं कि यह सामूहिक आत्महत्या का नतीजा है।”
पुलिस की शुरुआती जांच से पता चला है कि दोनों भाइयों ने कई लोगों से भारी कर्ज लिया हुआ था। पुलिस ने यह भी बताया कि शवों पर कोई बाहरी चोट नहीं है और माना जा रहा है कि उनकी मौत जहर देने से हुई है। मामले की आगे की जांच जारी है।