BY: YOGANAND SHRIVASTVA
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खुले आम हो रहा रेत उत्खनन
क्या प्रशासन की रजामंदी के चलते रेत माफियाओं हौसले हुए बुलंद?
मुरैना: प्रतिबंधित क्षेत्र घड़ियाल सेंचुरी के लिए संरक्षित एवं सुरक्षित मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में चंबल नदी का दोहन धड़ल्ले से किया जा रहा है।बता दे कि मुरैना जिले में कलऋकल वह रही चंबल नदी की घड़ियाल सेंंचुरी में घड़ियालों का बसेरा बना हुआ हैं। एक तरफ वन विभाग करोड़ों रुपए घड़ियालों को संरक्षित करने के लिए खर्च कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर रेत माफिया प्रशासन की आंखों के सामने इनकी मिलीभगत से ट्रैक्टरों द्वारा नदी का सीना चीर धड़ल्ले से रेत का उत्खनन कर रहे हैं।
खुले आम हो रहा रेत उत्खनन
तस्वीरें बता रही है कि जेसीबी, पोकलैंड के माध्यम से खुलेआम राजघाट जैतपुर, रिठौरा, झुंडपुरा के करजोनी घाट, नंदपुरा, बरहाना, गुड़ा चंबल टेंट्रा थाना क्षेत्र में चंबल नदी के कई घाटों प्रतिबंधित क्षेत्रों से अवैध उत्खनन धड़ल्ले से हो रहा है और ट्रैक्टरों द्वारा चंबल नदी का रेत ग्वालियर सहित स्थानीय क्षेत्रों में तस्करी किया जा रहा है ।
क्या प्रशासन की रजामंदी के चलते रेत माफियाओं हौसले हुए बुलंद?
जिला कलेक्टर,पुलिस प्रशासन से लेकर खनिज विभाग मूक दर्शन बना अपना हिस्सा ले रहा है अन्यथा क्या मजाल कि चंबल नदी से रेत का उत्खनन तो दूर कोई घड़ियालों के बसेरे के साथ छेड़छाड़ तक नहीं कर सकता। मुरैना जिले के सुमावली विधानसभा क्षेत्र के विधायक वर्तमान में मंत्री एदल सिंह कंसाना का कई बार बयान आया है कि रोजगार न होने की वजह से लोग रेत उत्खनन को अपना व्यवसाय बना रहे हैं।
