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पाकिस्तान ने किया संघर्ष विराम का उल्लंघन

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव उस समय और बढ़ गया जब पाकिस्तान ने संघर्ष विराम पर सहमति जताने के महज तीन घंटे के भीतर ही उसका उल्लंघन कर दिया। जम्मू-कश्मीर, गुजरात, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से ड्रोन हमलों और ब्लैकआउट की खबरें सामने आईं, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में दहशत का माहौल पैदा हो गया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर संघर्ष विराम उल्लंघन की पुष्टि की।

इन गंभीर घटनाक्रमों के बीच, विदेश मंत्रालय ने तत्काल एक प्रेस ब्रीफिंग आयोजित की। लगभग डेढ़ घंटे चली इस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान ने आपसी सहमति का उल्लंघन किया है और भारतीय सशस्त्र बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) के बीच पिछले कुछ दिनों से जारी सैन्य गतिविधियों को रोकने के लिए आज शाम एक सहमति बनी थी। हालांकि, खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि इस सहमति के कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्तान की ओर से इसका घोर उल्लंघन किया गया है। हमारी भारतीय सेना इस उकसावे का मुंहतोड़ जवाब दे रही है और सीमा पर इस घुसपैठ से प्रभावी ढंग से निपट रही है। यह घुसपैठ अत्यंत निंदनीय है और इसके लिए पूरी तरह से पाकिस्तान जिम्मेदार है।”

विदेश सचिव ने आगे कहा, “हमारा स्पष्ट मानना है कि पाकिस्तान को इस स्थिति की गंभीरता को भलीभांति समझना चाहिए और इस प्रकार की घुसपैठ को तत्काल रोकने के लिए ठोस और उचित कार्रवाई करनी चाहिए। हमारे सशस्त्र बल सीमा पर उत्पन्न हर स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं और उन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के साथ-साथ नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सीमा उल्लंघन की किसी भी घटना की पुनरावृत्ति से सख्ती से निपटने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।”

सूत्रों के अनुसार, संघर्ष विराम पर सहमति दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के बाद बनी थी, जिसका उद्देश्य सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना था। हालांकि, पाकिस्तान के इस त्वरित उल्लंघन ने उसकी मंशा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों से आ रही ड्रोन हमलों और ब्लैकआउट की खबरों ने स्थानीय निवासियों में भय और अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान भी स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने अपने ‘एक्स’ पोस्ट में संघर्ष विराम उल्लंघन की कड़ी निंदा की और सरकार से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

विदेश मंत्रालय की इस त्वरित और कड़ी प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि भारत इस स्थिति को अत्यंत गंभीरता से ले रहा है और किसी भी प्रकार के दुस्साहस का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय सेना की मुस्तैदी और विदेश मंत्रालय का स्पष्ट संदेश पाकिस्तान के लिए एक कड़ा चेतावनी है कि इस प्रकार के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और सीमा पर स्थिति किस दिशा में आगे बढ़ती है। हालांकि, भारत की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वह अपनी सीमाओं की सुरक्षा और अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है। सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

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