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by-Ravindra Sikarwar

तेलंगाना में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक प्रतिष्ठित आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) से स्नातक और एक जानी-मानी टेक फर्म में कार्यरत व्यक्ति को बाल यौन शोषण (Child Sexual Predation) के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह घटना समाज में व्याप्त इस गंभीर खतरे और अपराधियों के प्रोफाइल को लेकर कई सवाल खड़े करती है, खासकर जब अपराध में शामिल व्यक्ति उच्च शिक्षित और समाज में सम्मानजनक पद पर हो।

क्या है पूरा मामला?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी, जिसकी पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है ताकि जांच प्रभावित न हो, को बच्चों के यौन शोषण से संबंधित सामग्री (CSAM) रखने और ऑनलाइन बाल यौन शोषण में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी तेलंगाना में बाल यौन शोषण सामग्री के प्रसार और उपभोग के खिलाफ चल रहे एक बड़े अभियान का हिस्सा है।

जांच अधिकारियों ने बताया कि उन्हें केंद्रीय एजेंसियों से मिली विशिष्ट जानकारी के आधार पर कार्रवाई की गई। इस जानकारी में आरोपी के डिजिटल पदचिह्न (digital footprint) शामिल थे, जिनसे पता चला कि वह अवैध ऑनलाइन गतिविधियों में संलिप्त था। पुलिस ने आरोपी के आवास पर छापा मारा और उसके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे लैपटॉप, मोबाइल फोन और अन्य स्टोरेज डिवाइस को जब्त कर लिया। इन उपकरणों से आपत्तिजनक सामग्री के साथ-साथ ऑनलाइन शोषण से संबंधित साक्ष्य भी मिले हैं।

आरोपी का प्रोफाइल और समाज पर असर
इस मामले का सबसे चिंताजनक पहलू आरोपी का प्रोफाइल है:

  • आईआईटी स्नातक: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से स्नातक होना अपने आप में एक बड़ी शैक्षणिक उपलब्धि मानी जाती है। यह तथ्य कि एक आईआईटी ग्रेजुएट ऐसे जघन्य अपराध में शामिल पाया गया है, समाज के लिए एक बड़ा झटका है और यह दिखाता है कि शिक्षा या सामाजिक स्थिति ऐसे अपराधों को रोकने में हमेशा बाधा नहीं बनती।
  • टेक फर्म में कार्यरत: आरोपी का एक प्रमुख टेक फर्म में काम करना भी चौंकाने वाला है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या उसकी तकनीकी जानकारी का उपयोग इन अवैध गतिविधियों को अंजाम देने या खुद को छिपाने के लिए किया गया। टेक क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों के पास अक्सर डिजिटल उपकरणों और ऑनलाइन नेटवर्क की गहरी समझ होती है।

यह घटना इस बात पर जोर देती है कि बाल यौन शोषण एक ऐसा अपराध है जो किसी भी सामाजिक-आर्थिक या शैक्षिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। यह धारणा कि केवल अशिक्षित या समाज के हाशिए पर रहने वाले लोग ही ऐसे अपराधों में शामिल होते हैं, गलत साबित होती है।

पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की जांच:
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम (Protection of Children from Sexual Offences Act) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जांचकर्ता अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या आरोपी का किसी बड़े ऑनलाइन नेटवर्क से संबंध है, क्या उसने और बच्चों का शोषण किया है, और क्या वह किसी बाल यौन शोषण रिंग का हिस्सा है।

यह गिरफ्तारी तेलंगाना पुलिस के उन प्रयासों का हिस्सा है जो राज्य में बाल यौन शोषण के खिलाफ चलाए जा रहे हैं। पुलिस ने लोगों से आग्रह किया है कि वे ऐसे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की सूचना तुरंत दें, ताकि बच्चों को ऐसे अपराधियों से बचाया जा सके।

यह मामला एक बार फिर से डिजिटल दुनिया में बच्चों की सुरक्षा के महत्व और माता-पिता व अभिभावकों को ऑनलाइन खतरों के बारे में जागरूक रहने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। समाज को मिलकर ऐसे अपराधियों को बेनकाब करना होगा और बच्चों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना होगा।

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