
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने ओवर द टॉप (OTT) और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित और साझा की जा रही अश्लील सामग्री को लेकर कड़ी रुख अपनाया है। न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने का स्पष्ट निर्देश दिया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को औपचारिक नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से Amazon Prime Video, Netflix, ULLU, ALTT जैसे प्रमुख OTT प्लेटफॉर्म्स और Facebook, Instagram, YouTube, X (Twitter) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद अश्लील सामग्री को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आदेश दिया है।
न्यायालय ने इन प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा कि OTT और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए और जब बेंच इस तरह की आपत्तिजनक सामग्री पर सुनवाई कर रही हो तो उन्हें अदालत में उपस्थित रहना चाहिए। जनहित याचिका में इन प्लेटफॉर्म्स पर इस प्रकार की अश्लील सामग्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है, जिस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है।
याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि एक राष्ट्रीय सामग्री नियंत्रण प्राधिकरण (NCC) का गठन किया जाए, जो इन प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने वाली सामग्री की निगरानी करे और उन्हें विनियमित करे, ताकि OTT और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अश्लीलता के प्रसार को रोका जा सके।
केंद्र सरकार ने इस मामले में पहले ही कई नियमों और विनियमों को प्रस्तुत किया है और भविष्य में इन्हें और अधिक कठोर बनाने का आश्वासन दिया है। केंद्र सरकार के तर्कों को स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा कि वह कार्यपालिका और न्यायपालिका दोनों के क्षेत्रों से बचना चाहती है।
गौरतलब है कि OTT और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील सामग्री को लेकर यह पहली शिकायत नहीं है। केंद्र सरकार का सूचना और प्रसारण मंत्रालय (I&B) OTT पर प्रसारित होने वाली सामग्री को विनियमित करता है। ये नियम न केवल OTT प्लेटफॉर्म पर लागू होते हैं, बल्कि ऑनलाइन समाचार प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य ऑनलाइन सामग्री पर भी प्रभावी हैं।