
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की न्यायिक जांच और अन्य मांगों से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के प्रति सख्त नाराजगी जताई।
बेंच ने कहा कि संवेदनशील समय में याचिकाकर्ता को जिम्मेदारी से पेश आना चाहिए, क्योंकि ऐसी याचिकाएं सेना के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका में सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या न्यायाधीश इस प्रकार के मामलों की जांच करते हैं। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसी बातें अदालत में नहीं लाई जानी चाहिए, जिनका सेना के मनोबल पर बुरा असर पड़े।
याचिका में केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को यह निर्देश देने की अपील की गई थी कि वे पर्यटक क्षेत्रों में नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक ठोस कार्य योजना तैयार करें। इस योजना के तहत वास्तविक समय में निगरानी, खुफिया जानकारी का समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों की तैनाती जैसे उपाय सुझाए गए थे। याचिका में पहाड़ी और संवेदनशील इलाकों में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बलों की तैनाती की भी मांग की गई थी। इसके अतिरिक्त, याचिका में पहलगाम हमले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट से एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग के गठन का भी आग्रह किया गया था।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए इस जघन्य आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे।
हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध और अधिक बिगड़ गए हैं। पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए इस हमले की जिम्मेदारी शुरू में द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) नामक एक संगठन ने ली थी, जिसे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक छद्म रूप माना जाता है। हालांकि, बाद में TRF ने अपने इस दावे से इनकार कर दिया था। इस हमले के बाद भारत ने कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना और अटारी सीमा को बंद करना प्रमुख हैं। वर्तमान में, जम्मू-कश्मीर पुलिस और NIA संयुक्त रूप से इस हमले की गहन जांच कर रही हैं, और तीन संदिग्ध आतंकवादियों पर 60 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है।