by-Ravindra Sikarwar
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी तूफानी मौसम का मिजाज अभी बदलने वाला नहीं है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में तेज हवाओं के साथ बारिश और गरज-चमक का सिलसिला जारी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आगामी दिनों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है, जिसके तहत 45 जिलों के लिए अलर्ट घोषित किया गया है। इनमें राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर जैसे प्रमुख शहर भी शामिल हैं, जहाँ 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका है। मौसम विभाग के अनुसार, यह तूफानी पैटर्न 9 जून तक जारी रहने की उम्मीद है, जिसके बाद राज्य में मानसून का प्रवेश हो सकता है।
वर्तमान मौसमी स्थिति और कारण:
मध्य प्रदेश में यह मौसमी बदलाव मुख्य रूप से पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) और बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर से आ रही नमी भरी हवाओं के संगम के कारण हो रहा है। इन मौसमी प्रणालियों के चलते वातावरण में अस्थिरता बनी हुई है, जिससे अचानक तेज हवाएं, गरज के साथ छींटे और कहीं-कहीं ओलावृष्टि की स्थिति भी बन रही है। दिन के समय तापमान अधिक होने से स्थानीय स्तर पर भी बादलों का निर्माण हो रहा है, जो शाम होते-होते गरज-चमक के साथ बारिश का रूप ले लेते हैं।
IMD का अलर्ट और प्रभावित जिले:
IMD ने राज्य के लगभग सभी बड़े और छोटे जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। जिन 45 जिलों में विशेष रूप से सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर
- विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, हरदा
- नर्मदापुरम, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर
- नीमच, रतलाम, धार, अलीराजपुर, झाबुआ
- बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा
- सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, कटनी
- नरसिंहपुर, सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़
- निवाड़ी, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया
- भिंड, मुरैना, श्योपुर कलाँ, गुना, उमरिया
- शहडोल, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, रीवा, सतना, पन्ना
इन जिलों में रहने वाले लोगों को विशेष रूप से सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
संभावित प्रभाव और सावधानियां:
तेज हवाओं और बारिश के कारण कई तरह के प्रभाव देखने को मिल सकते हैं:
- कृषि पर असर: खड़ी फसलों को नुकसान पहुँच सकता है, खासकर जिनके पकने का समय करीब है। फल-सब्जी की फसलों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- बिजली आपूर्ति में बाधा: तेज हवाओं से पेड़ गिरने या बिजली के खंभे टूटने से बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है।
- यातायात पर असर: सड़कों पर विजिबिलिटी कम होने और पेड़ गिरने से यातायात प्रभावित हो सकता है।
- कच्चे मकानों को खतरा: कमजोर संरचना वाले मकानों को नुकसान पहुँचने का डर रहता है।
नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें, सुरक्षित स्थानों पर रहें, खासकर बिजली चमकने और गरज-चमक के दौरान पेड़ों या बिजली के खंभों से दूर रहें। यात्रा करते समय सावधानी बरतें और अपने घरों में आवश्यक तैयारियां करके रखें।
मानसून का इंतजार:
वर्तमान तूफानी मौसम 9 जून तक जारी रहने के बाद, मध्य प्रदेश के लोग बहुप्रतीक्षित मानसून के प्रवेश की उम्मीद कर सकते हैं। आमतौर पर, मानसून जून के मध्य तक राज्य में दस्तक देता है, लेकिन इस बार इसके जल्द आने की संभावना है। मानसून की बारिश किसानों और आम जनता दोनों के लिए राहत लेकर आएगी, क्योंकि यह सूखे की स्थिति को दूर करने और कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
तब तक, राज्य के निवासियों को इस तूफानी मौसम के दौरान सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की जरूरत है।