by-Ravindra Sikarwar
इंदौर: विशेष बाघ स्ट्राइक फ़ोर्स (STSF) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस अभियान में 30 घड़ियाल के बच्चे और कई अन्य लुप्तप्राय प्रजाति के कछुए तस्करों के चंगुल से छुड़ाए गए हैं, जिन्हें पड़ोसी देश बांग्लादेश में तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था. इस मामले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, STSF को वन्यजीव तस्करी से संबंधित एक खुफिया जानकारी मिली थी. इस सूचना के आधार पर, टीम ने गहन निगरानी और योजना बनाई, जिसके बाद तस्करों को रंगे हाथों पकड़ने में सफलता मिली. यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब वन्यजीवों की अवैध तस्करी एक गंभीर वैश्विक चिंता का विषय बनी हुई है.
बरामद किए गए वन्यजीवों का विवरण:
बचाए गए वन्यजीवों में 30 नवजात घड़ियाल शामिल हैं, जो कि गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजाति हैं और भारत में इनके संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. घड़ियाल मुख्य रूप से साफ पानी की नदियों में पाए जाते हैं और इनकी संख्या लगातार घट रही है. इनके अलावा, कई विभिन्न लुप्तप्राय प्रजातियों के कछुए भी तस्करों के पास से बरामद किए गए हैं. इन कछुओं की भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बड़ी माँग है, खासकर पालतू जानवरों के रूप में या पारंपरिक चिकित्सा के लिए.
गिरफ्तारियाँ और आगे की जाँच:
STSF ने इस मामले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. इनसे प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और भारत से बांग्लादेश तक वन्यजीवों की तस्करी में लिप्त था. गिरफ्तार किए गए आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर, पुलिस और वन विभाग इस रैकेट के अन्य सदस्यों और इसके पीछे के बड़े नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. यह भी जाँच की जा रही है कि ये घड़ियाल और कछुए कहाँ से लाए गए थे और इन्हें बांग्लादेश में कहाँ बेचा जाना था.
वन्यजीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम:
इस सफल अभियान से वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को बल मिला है. घड़ियाल और कछुए जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों की तस्करी पर अंकुश लगाना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इनकी आबादी पहले से ही खतरे में है. STSF की यह कार्रवाई तस्करों को एक कड़ा संदेश देती है कि भारत में वन्यजीव अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी एजेंसियां और विभाग मिलकर काम कर रहे हैं ताकि इस तरह के अपराधों पर प्रभावी ढंग से लगाम लगाई जा सके.