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by-Ravindra Sikarwar

बोका चिका, टेक्सास/नई दिल्ली: एलन मस्क की अंतरिक्ष अन्वेषण कंपनी स्पेसएक्स को अपने महत्वाकांक्षी स्टारशिप मेगारॉकेट के नवीनतम परीक्षण उड़ान में एक और बड़ा झटका लगा है। कंपनी का यह विशाल रॉकेट, जिसे चंद्रमा और मंगल पर मानव मिशन भेजने के लिए डिज़ाइन किया गया है, बुधवार को भारतीय महासागर के ऊपर अपनी उड़ान के दौरान नियंत्रण खो बैठा और टूटकर बिखर गया। यह स्टारशिप के विकास कार्यक्रम में एक और महत्वपूर्ण विफलता दर्ज करता है, हालांकि स्पेसएक्स इसे सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा मानती है।

परीक्षण उड़ान का विवरण:
यह उड़ान दक्षिणी टेक्सास में स्पेसएक्स के स्टारबेस सुविधा से सफलतापूर्वक लॉन्च हुई थी। यह स्टारशिप की अब तक की पांचवीं पूर्ण एकीकृत परीक्षण उड़ान थी, जिसका उद्देश्य लॉन्च से लेकर री-एंट्री (पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश) और भारतीय महासागर में नियंत्रित स्प्लैशडाउन (नियंत्रित रूप से समुद्र में उतरना) तक की पूरी प्रक्रिया का परीक्षण करना था।

प्रारंभिक चरण सफलतापूर्वक पूरे हुए, जिसमें सुपर हैवी बूस्टर का लिफ्टऑफ और स्टेज सेपरेशन (रॉकेट के पहले और दूसरे चरण का अलग होना) शामिल था। बूस्टर का नियंत्रित वापसी मार्ग पर लौटना भी देखा गया। हालांकि, जब स्टारशिप का ऊपरी चरण (खुद स्टारशिप अंतरिक्ष यान) पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश कर रहा था और भारतीय महासागर में अपने निर्धारित स्प्लैशडाउन बिंदु की ओर बढ़ रहा था, तभी उसने नियंत्रण खो दिया। टेलीमेट्री डेटा से पता चला कि यान तेजी से घूमने लगा और अंततः पृथ्वी की सतह से कुछ दूरी पर ही टूटकर बिखर गया। स्पेसएक्स ने तुरंत मिशन के अंत की घोषणा कर दी।

स्टारशिप की महत्वकांक्षा:
स्टारशिप को अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट सिस्टम माना जाता है, जो पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य है। इसका प्राथमिक लक्ष्य चंद्रमा पर आर्टेमिस मिशन के तहत नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाना और अंततः मंगल ग्रह पर मानव बस्ती स्थापित करना है। इसकी अनूठी डिज़ाइन और पुन: प्रयोज्यता की क्षमता इसे अंतरिक्ष यात्रा की लागत को नाटकीय रूप से कम करने में सक्षम बनाती है।

लगातार परीक्षण और सीख:
यह स्टारशिप कार्यक्रम की पहली विफलता नहीं है। स्पेसएक्स ने पिछले कई परीक्षण उड़ानों में विभिन्न समस्याओं का सामना किया है, जिनमें विस्फोट, अनियोजित लैंडिंग और संचार हानि शामिल हैं। हालांकि, कंपनी की रणनीति ‘तेजी से परीक्षण, तेजी से विफल, तेजी से सीख’ पर आधारित है। एलन मस्क और स्पेसएक्स के अधिकारी अक्सर दोहराते हैं कि ये परीक्षण उड़ानें मूल्यवान डेटा एकत्र करने के लिए हैं, न कि हमेशा पूर्ण सफलता के लिए। प्रत्येक विफलता से प्राप्त डेटा का उपयोग डिज़ाइन में सुधार करने और भविष्य की उड़ानों को अधिक सफल बनाने के लिए किया जाता है।

आगे की राह:
इस नवीनतम विफलता के बाद, स्पेसएक्स अब टेलीमेट्री डेटा और यान के मलबे से प्राप्त जानकारी का गहन विश्लेषण करेगी। इंजीनियरिंग टीमें उन विशिष्ट कारणों की पहचान करेंगी जिनके कारण नियंत्रण खो गया और यान टूटा। इन निष्कर्षों के आधार पर डिज़ाइन में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। स्पेसएक्स का मानना है कि इस तरह के झटके विकास प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा हैं, और वे जल्द ही अगले परीक्षण उड़ान के लिए तैयार होंगे, क्योंकि वे अपने अंतिम लक्ष्य – चंद्रमा और मंगल पर मानव भेजने – की दिशा में प्रतिबद्ध हैं।

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