Spread the love

उज्जैन: आगामी सिंहस्थ 2028 के दौरान, उज्जैन आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को मां क्षिप्रा के आशीर्वाद का लाभ 35 किलोमीटर लंबे भव्य रामघाट पर मिलेगा। मध्य प्रदेश सरकार ने इसके लिए अगले दो वर्षों में 29 किलोमीटर नए घाटों का निर्माण करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।

वर्तमान में, क्षिप्रा नदी पर लगभग 6 किलोमीटर के घाट पहले से ही निर्मित हैं। सरकार की इस नई योजना के तहत, सिंहस्थ के आयोजन से पहले इस घाट क्षेत्र को बढ़ाकर 35 किलोमीटर तक किया जाएगा। इस विस्तारित रामघाट के निर्माण से श्रद्धालुओं को स्नान और अन्य धार्मिक गतिविधियों के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें सुविधा और सुगमता मिलेगी।

विस्तृत योजना और कार्यान्वयन:
राज्य सरकार ने इस महत्वपूर्ण परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत, विभिन्न चरणों में घाटों का निर्माण किया जाएगा। सिंचाई विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियां इस परियोजना के क्रियान्वयन में सक्रिय रूप से जुटी हुई हैं। गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए नियमित निगरानी और समीक्षा की जाएगी।

श्रद्धालुओं को मिलेगी व्यापक सुविधा:

  • 35 किलोमीटर लंबे रामघाट के निर्माण से सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं को कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी:
  • विशाल स्नान क्षेत्र: विस्तारित घाट क्षेत्र में एक साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे, जिससे भीड़भाड़ कम होगी।
  • सुरक्षित और सुगम पहुंच: नए घाटों का निर्माण सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं के लिए नदी तक सुरक्षित और सुगम पहुंच सुनिश्चित होगी।
  • धार्मिक गतिविधियों के लिए पर्याप्त स्थान: घाटों के विस्तार से विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और गतिविधियों के आयोजन के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध होगा।
  • सौंदर्यीकरण: नए घाटों का निर्माण आकर्षक डिजाइन और स्थानीय वास्तुकला के अनुरूप किया जाएगा, जिससे रामघाट की सुंदरता और आध्यात्मिक वातावरण में वृद्धि होगी।

सिंहस्थ की तैयारियां तेज:
सिंहस्थ 2028 के आयोजन में अब लगभग तीन वर्ष शेष हैं, और राज्य सरकार इस भव्य धार्मिक आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए तेजी से तैयारियां कर रही है। रामघाट का विस्तार इसी व्यापक तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अतिरिक्त, बुनियादी ढांचे का विकास, सुरक्षा व्यवस्था और अन्य आवश्यक सुविधाओं की योजना पर भी तेजी से काम चल रहा है।

उज्जैन बनेगा आध्यात्मिक केंद्र:
सिंहस्थ कुंभ भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जो हर 12 वर्ष में उज्जैन में आयोजित होता है। इस दौरान देश और दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। 35 किलोमीटर लंबे रामघाट का निर्माण उज्जैन को एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र के रूप में और अधिक मजबूती प्रदान करेगा, जिससे श्रद्धालुओं को एक अद्वितीय और सुविधाजनक अनुभव प्राप्त होगा। सरकार का लक्ष्य है कि सिंहस्थ 2028 एक यादगार और सुव्यवस्थित आयोजन साबित हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp