
भोपाल, मध्यप्रदेश: सिंहस्थ- 2028 की तैयारियों को लेकर मंत्रालय में गठित मंत्री मंडलीय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभिन्न विभागों की कार्ययोजना और प्रगति की समीक्षा की तथा वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सिंहस्थ से संबंधित सभी अधोसंरचना के कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण किया जाए, जिसके लिए प्रत्येक कार्य की समय सीमा निर्धारित की जाए और गतिविधियां उसी के अनुसार संचालित की जाएं।
वर्षाकाल से पूर्व पूर्ण हों कागजी प्रक्रियाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कार्यालयीन प्रक्रियाएं वर्षाकाल तक पूरी कर ली जाएं, ताकि वर्षाकाल के तुरंत बाद निर्माण प्रक्रियाएं बिना किसी विलंब के तत्काल आरंभ की जा सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि यदि नगर निगम उज्जैन, विकास प्राधिकरण सहित अन्य निर्माण एजेंसियों में तकनीकी अधिकारी-कर्मचारियों की कमी है, तो अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर लेकर इस कमी को दूर किया जाए।
रेलवे और सड़क मार्गों पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने आगामी सिंहस्थ में श्रद्धालुओं के लिए सुगम आवागमन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि “श्रद्धालुओं का रेल से बड़ी संख्या में आवागमन होगा और महाकालेश्वर सहित ओंकारेश्वर तथा मंदसौर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर भी श्रद्धालुओं के आवागमन के मुख्य केंद्र रहेंगे। अतः सड़क मार्गों के साथ-साथ रेलवे से बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना आवश्यक है। इससे क्षेत्र में रेल यातायात को सुगम तथा श्रद्धालुओं की यात्रा को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी।” यह दर्शाता है कि सरकार बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं के आगमन के लिए परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने पर केंद्रित है।
उच्च स्तरीय समिति की बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव सिंहस्थ 2028 की मंत्रि-मंडलीय समिति की तीसरी बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह, और खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
विभिन्न विभागों की प्रगति की समीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंहस्थ 2028 में स्नान व पेयजल, सीवरेज, आवागमन, श्रद्धालुओं के आवास, कानून व्यवस्था और आवश्यक चिकित्सा सुविधा आदि के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने जल संसाधन विभाग, लोक निर्माण, पर्यटन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों और उनकी प्रगति की जानकारी प्राप्त की। बैठक में कान्ह नदी डायवर्जन, 30 किमी घाट निर्माण, क्षिप्रा नदी में निरंतर जल प्रवाह के लिए सिलार खेड़ी-सेवर खेड़ी बांध, क्षिप्रा व कान्ह नदी पर बैराजों के निर्माण की स्थिति पर चर्चा हुई।
इसके अतिरिक्त, इंदौर-उज्जैन मार्ग के सिक्स लेन में चौड़ीकरण, इंदौर-उज्जैन वैकल्पिक मार्ग, इंदौर-उज्जैन-ओंकारेश्वर और महेश्वर में यात्री सुविधाओं के विस्तार सहित अन्य पर्यटन सुविधाओं के निर्माण की स्थिति की भी समीक्षा की गई। इन निर्देशों और समीक्षाओं से स्पष्ट है कि राज्य सरकार सिंहस्थ 2028 को भव्य और सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और समयबद्ध तरीके से सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित कर रही है।