by-Ravindra Sikarwar
मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एक दुकानदार को ‘मराठी विरोधी’ व्हाट्सएप स्टेटस लगाने के आरोप में कथित तौर पर कुछ लोगों द्वारा पीटा गया और जबरन माफ़ी मंगवाई गई। यह घटना मुंबई में भाषा और क्षेत्रीय अस्मिता को लेकर चल रहे तनाव को एक बार फिर उजागर करती है।
घटना बुधवार, 16 जुलाई 2025 को मुंबई के एक व्यस्त व्यावसायिक इलाके में हुई। जानकारी के अनुसार, एक स्थानीय दुकानदार ने अपने व्हाट्सएप पर एक ऐसा स्टेटस अपडेट किया था जिसे कुछ मराठी भाषी लोगों ने “मराठी विरोधी” माना। इस स्टेटस के वायरल होते ही, कुछ संगठन से जुड़े व्यक्तियों का एक समूह दुकान पर पहुँच गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, समूह ने दुकानदार के साथ पहले तीखी बहस की, और फिर मामला हाथापाई तक पहुँच गया। दुकानदार को कथित तौर पर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उसे अपने किए पर तुरंत माफ़ी मांगने के लिए मजबूर किया गया। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग दुकानदार को घेरकर उसे डांटते और माफ़ी मंगवाते हुए दिख रहे हैं। वीडियो में दुकानदार को हाथ जोड़कर माफ़ी मांगते हुए देखा जा सकता है।
इस घटना के बाद, स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने मामले की जानकारी होने की पुष्टि की है और कहा है कि वे वीडियो फुटेज के आधार पर जांच कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है, क्योंकि दुकानदार ने भी औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। पुलिस का कहना है कि वे अपनी ओर से जाँच जारी रखेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
यह पहली बार नहीं है जब मुंबई में भाषा को लेकर इस तरह का विवाद सामने आया है। अतीत में भी, मराठी भाषा के प्रयोग, दुकानों के नामकरण और क्षेत्रीय पहचान को लेकर विभिन्न समूहों के बीच ऐसी झड़पें और विरोध प्रदर्शन देखे गए हैं। यह घटना एक बार फिर इस बात पर प्रकाश डालती है कि मुंबई जैसे महानगरीय शहर में, जहाँ विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के लोग साथ रहते हैं, भाषाई संवेदनशीलता एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनी हुई है।
विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे मुद्दे अक्सर राजनीतिक रंग ले लेते हैं, खासकर चुनावों के करीब आने पर। यह घटना आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक दलों द्वारा क्षेत्रीय भावनाओं को भुनाने के प्रयास का हिस्सा भी हो सकती है। फिलहाल, इस घटना ने मुंबई में एक बार फिर भाषाई सहिष्णुता और आपसी सम्मान को लेकर बहस छेड़ दी है।