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श्योपुर (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के वीरपुर तहसील के लीलदा गांव में सोमवार को एक दुखद और तनावपूर्ण घटना सामने आई। यहां उच्च जाति के कुछ कथित अतिक्रमणकारियों द्वारा सरकारी जमीन पर एक दलित व्यक्ति के अंतिम संस्कार को रोक दिया गया, जिसके कारण दो समूहों के बीच झड़प हुई और पथराव के बाद सड़क जाम हो गई।

पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बेंगलुरु में कुछ दिन पहले एक दुर्घटना में जगदीश जाटव नामक एक दलित व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। जब उनके परिजन और समुदाय के सदस्य उनके पार्थिव शरीर को लेकर लीलदा गांव में एक सरकारी भूखंड पर अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे, तो रावत समुदाय के कुछ लोगों ने उन्हें रोक दिया, जिन्होंने उस जमीन पर कथित रूप से अतिक्रमण कर रखा था। इस विरोध के बाद दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई और फिर पथराव शुरू हो गया।

घटना के बाद जाटव समुदाय के लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने जगदीश जाटव के शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम कर दिया, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, श्योपुर के पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन ने बताया कि वीरपुर के तहसीलदार और स्थानीय थाना प्रभारी, विजयपुर के एसडीएम और एसडीओपी के साथ तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने दोनों समूहों से बातचीत की और स्थिति को शांत करने का प्रयास किया।

एसपी वीरेंद्र जैन ने आगे बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए जिला मुख्यालय से रिजर्व इंस्पेक्टर सहित अतिरिक्त पुलिस बल को लीलदा गांव भेजा गया और वहां तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस स्थिति पर लगातार नजर रख रही है।

जांच में यह भी पता चला कि जाटव समुदाय का जो श्मशान घाट पहले था, उसे रेलवे द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था। इसके बाद वे दूसरे समुदाय के कब्जे वाली सरकारी जमीन पर अंतिम संस्कार करने के लिए जा रहे थे, जिसके कारण यह विवाद उत्पन्न हुआ।

एसपी जैन ने बताया कि एसडीएम और एसडीओपी अभी भी घटनास्थल पर मौजूद हैं और उन्होंने स्थिति को सामान्य कर दिया है। दोनों पक्षों को समझाया गया है और अब शांति व्यवस्था कायम है।

एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि जिस जमीन पर अंतिम संस्कार किया जाना था, वह सरकार की है और अधिकारियों ने श्मशान घाट पर कब्जे के बाद उन्हें वहां अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी थी। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि ऊंची जाति के लोगों ने उस जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है, जिसके कारण उन्होंने अंतिम संस्कार को रोकने का प्रयास किया।

प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की मध्यस्थता के बाद आखिरकार जगदीश जाटव का अंतिम संस्कार शांतिपूर्वक संपन्न हो सका। पुलिस इस मामले की आगे जांच कर रही है।

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