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न्यूजीलैंड उन गिने-चुने देशों में शामिल है, जहां देह व्यापार को कानूनी मान्यता प्राप्त है। वर्ष 2003 में इस पेशे को सार्वजनिक स्वास्थ्य और रोजगार कानून के तहत वैध कर दिया गया था। सरकार ने इसे एक व्यवस्थित और सुरक्षित पेशे के रूप में मान्यता दी, जिससे इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को भी अन्य कर्मचारियों की तरह कानूनी सुरक्षा और सामाजिक लाभ मिल सकें।

न्यूजीलैंड में देह व्यापार से जुड़े प्रतिष्ठानों को विशेष लाइसेंस दिए जाते हैं। ये लाइसेंस केवल उन्हीं व्यावसायिक स्थानों को प्रदान किए जाते हैं जो सभी सरकारी नियमों का पालन करते हैं। इस कानून का उद्देश्य यौनकर्मियों को शोषण से बचाना और उन्हें बेहतर कार्य परिस्थितियां उपलब्ध कराना है। यहां इस पेशे में काम करने वाली महिलाओं को अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों की तरह ही स्वास्थ्य सेवाएं, बीमा और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिलता है।

अगर वैश्विक स्तर पर बात करें तो नीदरलैंड्स के एम्सटर्डम का रेड लाइट एरिया दुनिया में सबसे प्रसिद्ध है। यह इलाका कानूनी रूप से संचालित होने वाला सबसे बड़ा रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट माना जाता है। वहीं, जर्मनी उन देशों में शामिल है, जहां सबसे पहले देह व्यापार को कानूनी मान्यता दी गई थी। वर्ष 1927 से ही जर्मनी में यौनकर्मियों को लाइसेंस के तहत काम करने की अनुमति है।

जर्मनी में इस पेशे से जुड़ी महिलाओं को विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं और बीमा सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा, उन्हें अपनी कमाई पर टैक्स भी देना पड़ता है, जिससे सरकार को राजस्व प्राप्त होता है। जर्मनी की नीति के अनुसार, इस पेशे में काम करने वाली महिलाओं को पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ भी दिया जाता है, जिससे वे भविष्य में आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें।

इन देशों के उदाहरण से यह स्पष्ट होता है कि देह व्यापार को कानूनी दर्जा देने से इस पेशे में काम करने वाले लोगों को शोषण से बचाया जा सकता है और उन्हें अन्य कर्मचारियों की तरह सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं।

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