
प्रदेश के दमोह जिले में एक मिशनरी अस्पताल में इलाज के दौरान सात लोगों की मौत के बाद पुलिस ने “फर्जी” कार्डियोलॉजिस्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अधिकारियों ने बताया कि यह मामला दमोह जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी एम.के. जैन की शिकायत पर दर्ज किया गया है।
एनएचआरसी की टीम करेगी जांच
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की एक टीम आज (7 अप्रैल 2025) दमोह पहुंचेगी और 9 अप्रैल तक वहां कैंप करेगी, ताकि इस मामले की गहन जांच की जा सके।
पुलिस ने बताया कि आरोपी “डॉ.” नरेंद्र जॉन कैम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी पर आरोप है कि उसने मिशनरी अस्पताल में इलाज के दौरान सात लोगों की जान ले ली, जबकि वह एक प्रमाणित डॉक्टर नहीं था।
इस घटना के बाद, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी जांच के आदेश दिए हैं, और वे इस मामले के हर पहलू की जांच करने के लिए दमोह में मौजूद रहेंगे।
मामले की गंभीरता और जांच
यह मामला बेहद गंभीर है, और इसमें आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।