by-Ravindra Sikarwar
श्रीनगर: आगामी अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व रूप से बढ़ा दिया गया है। हाल ही में तीर्थयात्रियों पर हुए एक आतंकी हमले के बाद, प्रशासन ने इस वर्ष की यात्रा के लिए एक बहु-स्तरीय और तकनीकी-आधारित सुरक्षा घेरा तैयार किया है। सुरक्षा बल ड्रोन, बॉम्ब स्क्वॉड और इलेक्ट्रॉनिक पहचान पत्र (e-ID) जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो।
सुरक्षा बढ़ाने का प्रमुख कारण:
हाल ही में अनंतनाग जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर हुए आतंकी हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को एक बार फिर चौकन्ना कर दिया है। इस हमले के बाद, गृह मंत्रालय ने यात्रा मार्गों, बेस कैंपों और काफिलों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। इस समीक्षा के बाद ही यह निर्णय लिया गया कि इस बार सुरक्षा में किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती जाएगी और हर खतरे से निपटने के लिए आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
सुरक्षा के लिए नई तकनीक और उपाय:
इस वर्ष की यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था में कई नए और उन्नत उपाय शामिल किए गए हैं:
- ड्रोन और हवाई निगरानी: पूरे यात्रा मार्ग, विशेषकर पहलगाम और बालटाल के कठिन पहाड़ी रास्तों पर, उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले ड्रोन से लगातार निगरानी की जा रही है। ये ड्रोन संदिग्ध गतिविधियों, किसी भी तरह के घुसपैठ और लैंडस्लाइड जैसी प्राकृतिक आपदाओं की रियल-टाइम जानकारी सुरक्षा बलों को देंगे। इससे दूरदराज के इलाकों में भी नजर रखना आसान होगा।
- बायोमेट्रिक e-ID और ट्रैकिंग: सभी पंजीकृत तीर्थयात्रियों को इलेक्ट्रॉनिक पहचान पत्र (e-ID) दिए जाएंगे। इन e-ID में तीर्थयात्री की बायोमेट्रिक जानकारी (फिंगरप्रिंट, चेहरा) दर्ज होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल अधिकृत और सत्यापित व्यक्ति ही यात्रा मार्ग पर हैं। इसके अलावा, इन e-IDs से तीर्थयात्रियों की लोकेशन को भी ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे आपात स्थिति में बचाव और राहत कार्यों में मदद मिलेगी।
- बॉम्ब स्क्वॉड और रोड-ओपनिंग पार्टी (ROPs): यात्रा शुरू होने से पहले प्रतिदिन बॉम्ब स्क्वॉड और विशेष रोड-ओपनिंग पार्टियां (ROPs) दोनों मार्गों पर बारूदी सुरंगों और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IEDs) की जांच करेंगी। इन टीमों को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है ताकि किसी भी विस्फोटक का पता लगाया जा सके।
सुरक्षा बलों की भारी तैनाती:
भारतीय सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के हजारों जवानों को यात्रा मार्गों पर तैनात किया गया है। यह एक बहु-स्तरीय सुरक्षा घेरा है, जिसमें हर कुछ किलोमीटर पर चेक-पॉइंट और निगरानी चौकियां बनाई गई हैं।
- बेस कैंपों की सुरक्षा: बालटाल और पहलगाम के बेस कैंपों को किले में तब्दील कर दिया गया है। यहां सीसीटीवी कैमरों और बैरिकेड्स के साथ चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
- काफिले की सुरक्षा: तीर्थयात्रियों को छोटे-छोटे समूहों में सुरक्षा काफिले के साथ ही आगे बढ़ने की अनुमति होगी। निजी वाहनों को भी विशेष सुरक्षा जांच के बाद ही आगे बढ़ने दिया जाएगा।
- नागरिक प्रशासन का सहयोग: स्थानीय पुलिस और नागरिक प्रशासन भी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि इन कड़े इंतजामों का उद्देश्य भक्तों को एक सुरक्षित और सुखद आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करना है। इस बार यात्रा के दौरान किसी भी खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह से तैयार हैं।