Spread the love

बोकारो (झारखंड): झारखंड के बोकारो जिले में सोमवार, 21 अप्रैल, 2025 को सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और स्थानीय पुलिस के संयुक्त अभियान में लालपनिया क्षेत्र के अंतर्गत लुगू पहाड़ियों में हुई मुठभेड़ में आठ नक्सली मारे गए हैं। इस मुठभेड़ में एक करोड़ रुपये का इनामी और कुख्यात माओवादी नेता विवेक भी मारा गया है।

इस महत्वपूर्ण सफलता की पुष्टि करते हुए, झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता ने बताया कि बोकारो मुठभेड़ में माओवादी विवेक, जिस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था, मारा गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अब तक मुठभेड़ स्थल से आठ नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं।

CRPF की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि लुगू पहाड़ियों में आज सुबह यह मुठभेड़ हुई। बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अब फायरिंग पूरी तरह से बंद हो चुकी है और सुरक्षा बलों की ओर से किसी भी जवान के घायल होने की कोई सूचना नहीं है। यह सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी राहत की बात है।

मुठभेड़ स्थल से हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी बरामद किया गया है। CRPF के अनुसार, बरामद हथियारों में एक एके सीरीज़ राइफल, एक एसएलआर (सेल्फ-लोडिंग राइफल), तीन इंसास राइफलें (इंडियन स्मॉल आर्म्स सिस्टम), एक पिस्टल और आठ देशी निर्मित भरमार बंदूकें शामिल हैं। हथियारों की इस बरामदगी से क्षेत्र में नक्सलियों की उपस्थिति और उनकी मारक क्षमता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के बाद पूरे इलाके में गहन तलाशी अभियान जारी रखा है। माना जा रहा है कि इलाके में कुछ और नक्सली छिपे हो सकते हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। तलाशी अभियान पूरा होने के बाद मुठभेड़ से संबंधित और अधिक जानकारी सामने आने की उम्मीद है।

यह उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी झारखंड में नक्सली गतिविधियां देखने को मिली थीं। 12 अप्रैल को झारखंड के चाईबासा में एक आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट में झारखंड जगुआर का एक जवान शहीद हो गया था, जबकि सीआरपीएफ का एक जवान घायल हुआ था। रांची के डीआईजी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने उस घटना की जानकारी दी थी। इसके अतिरिक्त, जाराई केला में भी हाल ही में एक आईईडी धमाके में दो सीआरपीएफ जवान घायल हुए थे, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची एयरलिफ्ट किया गया था।

बोकारो में हुई इस बड़ी सफलता से सुरक्षा बलों का मनोबल निश्चित रूप से ऊंचा होगा और यह क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। एक करोड़ के इनामी माओवादी नेता का मारा जाना नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियां अब इस क्षेत्र में अपनी पकड़ और मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp