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by-Ravindra Sikarwar

लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही 23 जुलाई 2025 को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

प्रमुख घटनाक्रम:
संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन, दोनों सदनों में विपक्ष के लगातार विरोध प्रदर्शनों के कारण कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित करना पड़ा। विपक्ष ने मुख्य रूप से तीन मुद्दों पर विरोध जताया: बिहार में चुनावी सूचियों के ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ (SIR) पर, पहलगाम आतंकी हमले के बाद की स्थिति पर, और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर।

राज्यसभा में, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही घनश्याम तिवारी ने गृह मंत्रालय की अधिसूचना के हवाले से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की घोषणा की। हालांकि, विपक्ष का हंगामा जारी रहा। दूसरी ओर, लोकसभा में भी विपक्ष ने SIR मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण सदन को कई बार स्थगित करना पड़ा।

हंगामे के मुख्य बिंदु:

  • विपक्ष की मांग: विपक्ष के सदस्यों ने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे की संभावित चूक, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद की विदेश नीति, और बिहार में चुनावी सूचियों के SIR पर तुरंत चर्चा की मांग की।
  • नियम 267 के तहत नोटिस: राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश ने विपक्ष द्वारा नियम 267 के तहत लाए गए 12 नोटिसों को स्वीकार नहीं किया। इनमें से एक नोटिस उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर भी था।
  • सरकार का पक्ष: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर सदन का समय बर्बाद करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
  • SIR पर विरोध: कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बिहार में चुनावी सूचियों के SIR को लेकर एक स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया, जिसमें मतदाता सत्यापन के लिए आधार और पैन कार्ड को अमान्य करने पर चिंता जताई गई थी। इस मुद्दे पर बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केवल देश के निवासियों को ही वोट देने का अधिकार है और उन्होंने दावा किया कि अररिया, पूर्णिया और किशनगंज में 125% आबादी के आधार कार्ड जारी किए गए हैं।
  • अन्य घटनाएँ: लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने का आग्रह किया, लेकिन वे नहीं माने। राहुल गांधी ने भी आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष होने के बावजूद उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है।

इस विरोध के बावजूद, सरकार और विपक्ष के बीच भारत की सैन्य कार्रवाई और पहलगाम हमले पर 16 घंटे की विशेष चर्चा पर सहमति बनी है, हालांकि चर्चा के समय को लेकर मतभेद हैं। इस बीच, राज्यसभा में जस्टिस वर्मा के महाभियोग की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।

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