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by-Ravindra Sikarwar

मध्य प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इसी को देखते हुए, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और डिंडोरी जिलों में सभी स्कूलों को एहतियात के तौर पर बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। यह फैसला छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है, क्योंकि भारी बारिश से कई इलाकों में जलभराव और आवागमन में बाधा आ सकती है।

क्यों बंद किए गए स्कूल?
इन चार जिलों में स्कूल बंद करने का मुख्य कारण पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार और तेज बारिश है। मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में:

  • जलभराव: शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में सड़कों पर पानी भर जाने से छात्रों और स्कूल स्टाफ को स्कूल पहुँचने में परेशानी हो सकती है।
  • सड़कें अवरुद्ध: कुछ इलाकों में भारी बारिश के कारण सड़कें अवरुद्ध हो सकती हैं या पुल-पुलियाओं पर पानी आ सकता है, जिससे आवागमन खतरनाक हो सकता है।
  • सुरक्षा जोखिम: बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। बारिश और खराब मौसम के दौरान स्कूल जाना उनके लिए जोखिम भरा हो सकता है।
  • प्रशासनिक निर्देश: स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग ने स्थिति का आकलन करने के बाद यह एहतियाती कदम उठाया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

किन जिलों में हैं ये आदेश प्रभावी?
यह आदेश विशेष रूप से मध्य प्रदेश के निम्नलिखित चार जिलों के सभी सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होता है:

  1. जबलपुर: संभाग मुख्यालय और प्रमुख शहर होने के नाते यहाँ बड़ी संख्या में स्कूल हैं, जो अब बंद रहेंगे।
  2. मंडला: यह जिला अपनी नदियों और घने जंगलों के लिए जाना जाता है, जहाँ बारिश का असर ज्यादा होता है।
  3. बालाघाट: छत्तीसगढ़ की सीमा से सटा यह जिला भी भारी बारिश से प्रभावित होता है।
  4. डिंडोरी: जनजातीय बहुल यह जिला भी बारिश के मौसम में आवागमन की चुनौतियों का सामना करता है।

इन जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला कलेक्टरों ने अलग-अलग आदेश जारी कर स्कूलों को बंद रखने की सूचना दी है।

आगे क्या?
स्कूलों को कब तक बंद रखा जाएगा, यह मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगा। प्रशासन लगातार मौसम विभाग से संपर्क में है और स्थिति की निगरानी कर रहा है। जैसे ही मौसम में सुधार होगा और स्थिति सामान्य होगी, स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लिया जाएगा। अभिभावकों और छात्रों को सलाह दी गई है कि वे स्कूल प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी की जाने वाली आगे की सूचनाओं पर ध्यान दें।

इस दौरान, छात्रों और अभिभावकों को भी सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और सतर्क रहें, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ जलभराव या बाढ़ का खतरा हो। यह फैसला छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक जिम्मेदार कदम है।

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