
सहारनपुर (उत्तर प्रदेश): सहारनपुर जिले के देवबंद इलाके में आज शनिवार सुबह एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में एक भयानक विस्फोट हुआ, जिसमें तीन मजदूरों की जान चली गई। यह हृदयविदारक घटना निहालखेड़ी गांव के पास स्टेट हाईवे-59 पर स्थित फैक्ट्री में सुबह लगभग 7 बजे घटी।
जानकारी के अनुसार, जब यह हादसा हुआ, उस समय फैक्ट्री के अंदर नौ कर्मचारी काम कर रहे थे। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि पूरी इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई, और दुर्भाग्यपूर्ण मजदूरों के शरीर के टुकड़े घटनास्थल से 200 मीटर की दूरी तक बिखर गए। आशंका जताई जा रही है कि अभी भी कुछ लोग मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं।
इस जोरदार विस्फोट की आवाज लगभग 2 किलोमीटर के दायरे में सुनाई दी, जिससे आसपास के गांवों में दहशत फैल गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक पीड़ित का आधा शरीर और दूसरे का एक हाथ घटनास्थल से करीब 150 मीटर दूर मिला। इस घटना का दृश्य अत्यंत भयावह है।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। पुलिस ने तत्काल प्रभाव से पूरे इलाके को सील कर दिया और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। मृतकों और घायलों के परिजन भी घटनास्थल पर पहुंचे, जिनका रो-रोकर बुरा हाल था।
इस हादसे से आक्रोशित ग्रामीणों ने स्टेट हाईवे-59 को जाम कर दिया और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आसपास के कई थानों की पुलिस फोर्स को मौके पर बुलाया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह पटाखा फैक्ट्री गैरकानूनी रूप से संचालित हो रही थी, जहां प्रतिबंधित पटाखे बनाए जा रहे थे। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि अंदर काम कर रहे मजदूरों को बाहर निकलने का जरा भी मौका नहीं मिल पाया। मलबे में और भी लोगों के दबे होने की आशंका बनी हुई है। फिलहाल, हादसे में मारे गए लोगों की पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकी है।
यह सहारनपुर में इस तरह की कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले, 2 मई 2022 को सरसावा थाना क्षेत्र के सौराना गांव में भी एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में इसी तरह का विस्फोट हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ था। उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में भी मृतकों के शव के टुकड़े घटनास्थल से काफी दूर तक बिखरे थे। यह ताजा घटना अवैध पटाखा फैक्ट्रियों के संचालन और सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े करती है।