by-Ravindra Sikarwar
कीव, यूक्रेन: यूक्रेन के सुमी क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया है, जहाँ रूसी सेना ने कोस्तियानटिनिवका सहित कई सीमावर्ती गाँवों पर कथित तौर पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है। इस घटनाक्रम को रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक नई और चिंताजनक स्थिति के रूप में देखा जा रहा है, खासकर सुमी क्षेत्र के लिए, जो रूस की कुर्स्क सीमा से सटा हुआ है।
ताजा घटनाक्रम:
स्थानीय यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, रूसी सेना ने सुमी क्षेत्र के उन चार गाँवों पर कब्ज़ा कर लिया है, जो अब उनके नियंत्रण में हैं। इन गाँवों में नोवेनके, बासिवका, वेसेलिवका और ज़ुरावका शामिल हैं। हालाँकि, विशेष रूप से कोस्तियानटिनिवका पर नियंत्रण की पुष्टि अभी पूरी तरह से स्वतंत्र स्रोतों से नहीं हो पाई है, लेकिन इस बात की आशंका जताई जा रही है कि यह भी रूसी सेना के दायरे में आ गया है या उस पर तीव्र हमला हो रहा है।
“बफर ज़ोन” का मकसद:
यूक्रेनी सुमी क्षेत्र के गवर्नर ओलेह ह्रीहोरोव ने स्पष्ट किया है कि रूस की सेना का यह कदम संभवतः सीमा पर एक “बफर ज़ोन” स्थापित करने के इरादे से है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में ऐसे बफर ज़ोन के निर्माण की बात कही थी, जिसका उद्देश्य रूसी क्षेत्र में यूक्रेनी हमलों को रोकना हो सकता है। यह “बफर ज़ोन” की अवधारणा यूक्रेन के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है, क्योंकि यह उसके संप्रभु क्षेत्र के भीतर रूसी सैन्य उपस्थिति को और बढ़ाएगी।
पृष्ठभूमि और संदर्भ:
यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में रूसी गोलाबारी और हवाई हमले तेज हुए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, सुमी क्षेत्र में रूसी हमलों के परिणामस्वरूप एक व्यक्ति की मौत भी हुई है।
इस संघर्ष के दौरान, सुमी क्षेत्र पहले भी रूसी सेना के निशाने पर रहा है। अप्रैल 2022 में भी रूसी सैनिक सुमी शहर से पीछे हटे थे, लेकिन तब भी इस क्षेत्र में छोटे रूसी समूह मौजूद थे। यूक्रेन की सेना ने लगातार इस क्षेत्र से रूसी सैनिकों को खदेड़ने का दावा किया है, लेकिन अब नए सिरे से नियंत्रण के दावों ने स्थिति को फिर से गंभीर बना दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया और शांति वार्ता:
इस सैन्य प्रगति के बावजूद, रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता के प्रयास जारी हैं। हाल ही में, तीन साल में पहली बार दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने तुर्किये में प्रत्यक्ष मुलाकात की थी। हालाँकि, इस मुलाकात का एकमात्र ठोस परिणाम बड़े पैमाने पर कैदियों की अदला-बदली रही, और कोई महत्वपूर्ण सफलता नहीं मिल पाई।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस युद्ध की व्यापक निंदा की है, जिससे लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट पैदा हुआ है।
आगे क्या?
रूसी सेना द्वारा सुमी क्षेत्र में और अधिक गाँवों पर कथित नियंत्रण का मतलब यूक्रेन के लिए अपनी रक्षात्मक रणनीतियों को फिर से मूल्यांकित करना होगा। “बफर ज़ोन” की रूसी अवधारणा के साथ, यूक्रेन की सीमावर्ती क्षेत्रों पर दबाव और बढ़ने की संभावना है। इस स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और आगामी शांति वार्ता पर इसके संभावित प्रभावों पर नज़र रखना महत्वपूर्ण होगा।