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भोपाल। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को भोपाल के रविन्द्र भवन में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में भाग लिया और सहकारिता क्षेत्र को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि अब सहकारी समितियां केवल कृषि ऋण तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, रेलवे टिकट बुकिंग, और बिजली-पानी के बिलों के भुगतान जैसी सेवाएं भी देंगी।

PACS को मिलेंगी नई ज़िम्मेदारियाँ
श्री शाह ने बताया कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (PACS) के डिजिटलीकरण के मामले में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी राज्य बन चुका है। राज्य में PACS का 100% कंप्यूटराइजेशन हो चुका है, जिसे उन्होंने अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि पहले PACS केवल कृषि ऋण तक सीमित थीं और उन्हें 0.5% लाभ ही होता था। लेकिन अब वे 30 से अधिक सेवाएं दे रही हैं। जैसे – रेलवे टिकट बुकिंग, पेट्रोल पंप संचालन, गैस एजेंसी, और बिल भुगतान केंद्र। इन गतिविधियों से सहकारी समितियों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।

डेयरी क्षेत्र को मिलेगा विस्तार
केंद्रीय मंत्री शाह ने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश में प्रतिदिन लगभग 5.5 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है, जो देश के कुल दूध उत्पादन का करीब 9% है।
इसके साथ ही:
• राज्य में सहकारी डेयरी व्यवस्था को कम से कम 50% गांवों तक पहुंचाने की योजना है।
• राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन के बीच साझेदारी समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर भी किए गए हैं।
इससे न केवल किसानों की आय में इज़ाफा होगा, बल्कि दूध प्रसंस्करण, नए डेयरी उत्पादों और स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

मंत्रालय की नीतिगत पहल
केंद्र सरकार द्वारा गठित सहकारिता मंत्रालय ने मॉडल बायलॉज तैयार कर देश भर के सभी राज्यों को भेजे थे। अब ये बायलॉज संपूर्ण भारत में लागू किए जा चुके हैं। इससे सहकारी आंदोलन को नई ऊर्जा और दिशा मिली है। श्री शाह ने इसे सहकारिता क्षेत्र के पुनरुत्थान के रूप में देखा।

ग्रामीण विकास में नई भूमिका
मध्यप्रदेश अब सहकारिता क्षेत्र में मॉडल राज्य के रूप में उभर रहा है। पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, डेयरी, और डिजिटल सेवाओं के माध्यम से सहकारी समितियां न केवल किसानों की आय बढ़ाएंगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेंगी। यह पहल भारत में सहकारिता के एक नए युग की शुरुआत है।

मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से सहकारिता क्षेत्र में गंभीर और सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं। अब सहकारिता को केवल ग्रामीण नहीं, बल्कि शहरी क्षेत्रों तक भी विस्तार देने का लक्ष्य रखा गया है।

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