नागपुर में सोमवार को दो समूहों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान वाहनों में आग लगा दी गई और पथराव हुआ, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। यह घटना तब हुई जब हिंदू संगठनों, जिनमें विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल शामिल थे, ने संभाजी नगर में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
कुछ मुस्लिम समूहों ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन के दौरान ‘कलमा’ लिखे कपड़े को जलाया गया, हालांकि नागपुर पुलिस ने इसे अफवाह बताया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

घटनास्थल से मिली जानकारी
घटनास्थल से मिले वीडियो में जलते हुए वाहन और बिखरे हुए मलबे देखे जा सकते हैं। आंखों देखे गवाहों के मुताबिक, स्थिति तेजी से बिगड़ी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस ने हिंसा को नियंत्रित करने और शांति बहाल करने के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात किया है।
मुख्यमंत्री और नागपुर सांसद ने दी अपील
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस नागपुर के महल इलाके में पथराव और बढ़ते तनाव को नियंत्रित कर रही है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने नागरिकों से प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करने की अपील की है। हम पुलिस के साथ लगातार संपर्क में हैं। नागपुर हमेशा से शांतिपूर्ण और सहयोगी शहर रहा है, और यही इसकी परंपरा है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने और अधिकारियों का सहयोग करने का आग्रह किया है।”
नागपुर सांसद और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी शहरवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “कुछ अफवाहों के कारण नागपुर में धार्मिक तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। शहर का इतिहास ऐसे मामलों में शांति बनाए रखने के लिए जाना जाता है। मैं सभी से अफवाहों पर विश्वास न करने और शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं। कृपया सड़कों पर न आएं और कानून-व्यवस्था प्रणाली के साथ सहयोग करें।”
गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार किसी भी गलत काम के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को स्थिति की जानकारी दी जा चुकी है, इसलिए मैं सभी से अफवाहों को नजरअंदाज करने का अनुरोध करता हूं।”
पृष्ठभूमि
यह हिंसा उस प्रदर्शन के कुछ घंटे बाद हुई, जिसमें हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की थी। मुस्लिम समूहों ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन के दौरान ‘कलमा’ लिखे कपड़े को जलाया गया, हालांकि पुलिस ने इसे अफवाह बताया।
स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और शांति बनाए रखने का आग्रह किया है।