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by-Ravindra Sikarwar

झारखंड के रामगढ़ जिले में एक कोयला खदान के ढह जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है और कई अन्य के फंसे होने की आशंका है। यह दर्दनाक हादसा आज सुबह हुआ, जिसने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। घटना की सूचना मिलते ही बचाव अभियान तेजी से शुरू कर दिया गया है।

खदान ढहने का विवरण:
यह घटना रामगढ़ जिले के मांडू थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली एक अवैध कोयला खदान में हुई। बताया जा रहा है कि यह खदान अवैध रूप से संचालित की जा रही थी और सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी की जा रही थी।

  • हादसे का समय: प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह हादसा सुबह के समय हुआ जब कई मजदूर खदान के अंदर काम कर रहे थे। अचानक खदान का एक बड़ा हिस्सा ढह गया, जिससे मजदूर अंदर फंस गए।
  • मृतक की पहचान: अब तक एक शव निकाला जा चुका है, जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। आशंका है कि मलबे में अभी भी कई मजदूर दबे हो सकते हैं।
  • फंसे होने की आशंका: स्थानीय लोगों और बचाव कर्मियों के अनुसार, खदान के अंदर 10 से अधिक मजदूरों के फंसे होने की आशंका है, हालांकि यह संख्या कम या ज्यादा हो सकती है। जानकारी मिली है कि खदान में क्षमता से अधिक मजदूर काम कर रहे थे।

बचाव अभियान जारी:
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंच गए हैं। बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है।

  • बचाव दलों की तैनाती: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमों को मौके पर बुलाया गया है। उनके साथ-साथ स्थानीय पुलिस और ग्रामीणों की मदद से भी बचाव कार्य किया जा रहा है।
  • चुनौतियाँ: खदान का संकरा और अस्थिर ढांचा बचाव अभियान में बाधा डाल रहा है। इसके अलावा, मलबे और धूल के कारण भी बचाव कर्मियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम तेजी से किया जा रहा है।
  • चिकित्सा सहायता: घटना स्थल पर एंबुलेंस और चिकित्सा दल भी मौजूद हैं ताकि निकाले गए घायलों को तुरंत उपचार दिया जा सके।

अवैध कोयला खनन का मुद्दा:
झारखंड में अवैध कोयला खनन एक बड़ी और पुरानी समस्या है। इस तरह की खदानें बिना किसी सुरक्षा मानक के चलाई जाती हैं, जिससे अक्सर ऐसे जानलेवा हादसे होते रहते हैं।

  • सुरक्षा मानकों की अनदेखी: अवैध खदानों में वेंटिलेशन, खदान के ढहने से बचाव के उपाय और अन्य सुरक्षा उपकरण नदारद रहते हैं। मजदूर जान जोखिम में डालकर काम करते हैं।
  • प्रशासन पर सवाल: इस घटना ने एक बार फिर स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं कि अवैध खनन धड़ल्ले से कैसे चल रहा था।
  • जांच के आदेश: घटना के बाद प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि यह खदान कौन चला रहा था और इस अवैध गतिविधि में कौन-कौन शामिल हैं।

यह घटना उन मजदूरों के लिए एक दुखद चेतावनी है जो बेहतर आजीविका की तलाश में अपनी जान जोखिम में डालते हैं। प्रशासन को अवैध खनन पर अंकुश लगाने और ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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