Spread the love

BY: yoganand shrivstva

‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के शिल्पकार राम सुतार को महाराष्ट्र सरकार द्वारा ‘महाराष्ट्र भूषण’ से सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में इस बात की घोषणा की। यह राज्य का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसके तहत 25 लाख रुपये और एक स्मृति चिह्न प्रदान किया जाएगा। इस पुरस्कार को लेकर 12 मार्च को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।

राम सुतार: विशाल मूर्तियों के महान शिल्पकार

राम सुतार को विशालकाय मूर्तियों के निर्माण के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। उन्होंने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का डिज़ाइन तैयार किया, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। उनके उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए भारत सरकार उन्हें ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ पुरस्कारों से सम्मानित कर चुकी है।

राम सुतार का सफर

राम सुतार ने अपनी कला की शिक्षा जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स, मुंबई से प्राप्त की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के साथ मिलकर एलोरा की गुफाओं में काम करते हुए की। इसके बाद उन्होंने मूर्तिकला के क्षेत्र में कदम रखा और कई ऐतिहासिक मूर्तियां बनाईं, जो आज देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं।

महात्मा गांधी से प्रेरणा

राम सुतार बचपन से ही महात्मा गांधी से प्रभावित रहे हैं। वह बताते हैं कि जब गांधीजी विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार का आंदोलन चला रहे थे, तब उनकी मुलाकात महाराष्ट्र के धुलिया गांव में उनसे हुई थी। गांधीजी से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी विदेशी टोपी तक जला दी थी। बाद में वह दिल्ली आए और यहां उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू से भी मुलाकात की। 1961 में नेहरूजी ने उन्हें प्रधानमंत्री आवास में बुलाकर उनके कार्यों की सराहना की थी।

पीएम मोदी की मूर्ति बनाने की इच्छा

राम सुतार अब तक महात्मा गांधी की सबसे अधिक मूर्तियां बना चुके हैं। उनका कहना है कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रतिमा बनाना चाहेंगे। जब पीएम मोदी को उनके हुनर के बारे में पता चला तो उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की एक छोटी मूर्ति बनवाने को कहा। जब पीएम मोदी ने वह मूर्ति देखी तो वे उनकी कला से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ा दिया। आज यह प्रतिमा भारत की पहचान बन चुकी है।

सम्मान और उपलब्धियां

राम सुतार ने देश और दुनिया में कई प्रतिष्ठित मूर्तियों का निर्माण किया है। उनकी कलाकृतियां भारत की संस्कृति और इतिहास को संजोए हुए हैं। अब उन्हें महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जो उनके अतुलनीय योगदान को सम्मान देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp