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by-Ravindra Sikarwar

नई दिल्ली: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रक्षा प्रमुख (Chief of Defence Staff – CDS) को भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं – थल सेना, नौसेना और वायु सेना – के लिए संयुक्त आदेश (Joint Orders) जारी करने का अधिकार दे दिया है। यह ऐतिहासिक निर्णय तीनों सेनाओं के बीच समन्वय और तालमेल बढ़ाने, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और भविष्य की युद्ध चुनौतियों का सामना करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

निर्णय का महत्व और उद्देश्य:
यह कदम लंबे समय से प्रतीक्षित सैन्य सुधारों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत की सैन्य क्षमताओं को आधुनिक बनाना और उन्हें अधिक कुशल बनाना है। सीडीएस पद का सृजन भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। अब, सीडीएस को तीनों सेनाओं से संबंधित परिचालन और प्रशासनिक मामलों पर सीधे निर्देश जारी करने का अधिकार मिलने से कई लाभ होंगे:

  • बेहतर एकीकरण: यह निर्णय तीनों सेनाओं के बीच गहरे एकीकरण को बढ़ावा देगा। पहले, प्रत्येक सेवा अपने अलग-अलग आदेशों और प्रक्रियाओं के साथ काम करती थी, जिससे कभी-कभी समन्वय में कमी आती थी। संयुक्त आदेश इस खाई को पाटने में मदद करेंगे।
  • प्रक्रियाओं का सरलीकरण: विभिन्न संयुक्त अभियानों और अभ्यासों के लिए अलग-अलग आदेशों की आवश्यकता नहीं होगी। एक ही सीडीएस द्वारा जारी संयुक्त आदेश से प्रक्रियाओं में सरलता आएगी और समय की बचत होगी।
  • तेज निर्णय लेना: एकीकृत कमान संरचना से निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी, विशेष रूप से संकट या युद्धकाल में, जहां त्वरित प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होती है।
  • संसाधनों का अनुकूलन: संयुक्त आदेशों से संसाधनों के बेहतर उपयोग और आवंटन में मदद मिलेगी, जिससे तीनों सेनाओं की दक्षता बढ़ेगी।
  • भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयारी: आधुनिक युद्धक्षेत्र की प्रकृति बदल गई है, जिसमें तीनों सेवाओं के बीच निर्बाध सहयोग की आवश्यकता है। यह कदम भारत को भविष्य की मल्टी-डोमेन (बहु-क्षेत्रीय) युद्ध चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार करेगा।

सीडीएस की भूमिका का विस्तार:
रक्षा प्रमुख (CDS) का पद 2019 में तत्कालीन चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल बिपिन रावत को पहला सीडीएस नियुक्त करके स्थापित किया गया था। सीडीएस का मुख्य कार्य तीनों सेवाओं के बीच तालमेल बिठाना, रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया को तर्कसंगत बनाना और थिएटर कमांड के गठन की दिशा में काम करना है।

अब तक, सीडीएस मुख्य रूप से समन्वयक और सलाहकार की भूमिका में थे। राजनाथ सिंह द्वारा दी गई यह नई शक्ति सीडीएस की भूमिका को और मजबूत करेगी, जिससे वे तीनों सेनाओं को सीधे निर्देशित करने में सक्षम होंगे, खासकर संयुक्त अभियानों और प्रशिक्षण से संबंधित मामलों में। यह रक्षा मंत्रालय के भीतर सीडीएस के अधिकार और प्रभाव को भी बढ़ाएगा।

निहितार्थ और आगे की राह:
इस निर्णय के कई महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं:

  • थिएटर कमांड की ओर: यह कदम थिएटर कमांड के गठन की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा। थिएटर कमांड का लक्ष्य भारत की विभिन्न सैन्य संपत्तियों को एकीकृत परिचालन कमानों के तहत लाना है, जिससे वे अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकें। संयुक्त आदेश जारी करने की सीडीएस की क्षमता इस प्रक्रिया को गति देगी।
  • सेनाओं के बीच जवाबदेही: संयुक्त आदेशों से तीनों सेनाओं के बीच साझा जवाबदेही का विकास होगा, क्योंकि वे एक ही कमान के तहत काम करेंगी।
  • रक्षा सुधारों को गति: यह निर्णय भारत सरकार की रक्षा सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसका उद्देश्य एक मजबूत, चुस्त और आधुनिक सशस्त्र बल बनाना है।

यह अधिकार मिलने से भारतीय सेना एक अधिक एकीकृत और कुशल बल के रूप में उभरेगी, जो देश की सुरक्षा चुनौतियों का अधिक प्रभावी ढंग से सामना करने में सक्षम होगी। यह वास्तव में भारतीय सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण बदलाव है।

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