
राजस्थान दिवस और हिंदू नववर्ष के अवसर पर पूरे प्रदेश में धूमधाम से कार्यक्रम आयोजित किए गए। सवाई माधोपुर में भारतीय नववर्ष और डीडवाना कुचामन तथा बूंदी में राजस्थान स्थापना दिवस के मौके पर भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन हुआ। इस दौरान राजस्थान के पर्यटन स्थल पर विदेशी पर्यटकों ने प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की सराहना की।
सवाई माधोपुर में भारतीय नववर्ष के उपलक्ष्य में नव संवत्सर समिति द्वारा उत्सव मैरिज गार्डन में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों लोग शामिल हुए, जिनमें सवाई माधोपुर विधायक और राज्य के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी उपस्थित थे। इस मौके पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की धूम रही, जहां बच्चों ने अपने अद्भुत अभिनय से दर्शकों का दिल जीता।
कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने समारोह को संबोधित करते हुए सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि असली नववर्ष वही है जो हमारे पारंपरिक कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है, जबकि 1 जनवरी को मनाया जाने वाला नया साल हमारी संस्कृति से मेल नहीं खाता। इसके अलावा उन्होंने देश की वर्तमान परिस्थितियों पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी और सपा सांसद द्वारा राणा सांगा पर की गई निंदनीय टिप्पणी की कड़ी निंदा की।
वहीं, डीडवाना कुचामन में राजस्थान स्थापना दिवस पर राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान विद्यार्थियों और शिक्षकों ने पारंपरिक राजस्थानी पोशाक पहनकर एक दूसरे को ‘खम्माघणी’ के साथ अभिवादन किया। बच्चों ने घूमर, कालबेलिया, चरी और भवई नृत्य जैसे लोकनृत्य प्रस्तुत किए और राजस्थान की कला, संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व पर आधारित कार्यक्रमों में भाग लिया। इसके साथ ही नाटक, कविताएं और भाषण प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों ने सामाजिक जागरूकता का संदेश भी दिया।
बूंदी में राजस्थान दिवस के अवसर पर पर्यटन विभाग द्वारा विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। 84 खंभों की छतरी, सुख महल, जिला संग्रहालय और रानी जी की बावड़ी जैसे स्थलों पर दिनभर रंग-बिरंगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखने को मिलीं। इन कार्यक्रमों में विदेशी पर्यटकों ने भी भाग लिया और राजस्थान की विरासत की सराहना की। खासकर, जर्मनी के पर्यटकों ने रानी जी की बावड़ी की सुंदरता की विशेष रूप से प्रशंसा की।
इस दौरान लोक कलाकारों ने कच्छी घोड़ी नृत्य, कालबेलिया नृत्य और चकरी नृत्य जैसी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। ‘म्हारी सभा में रंग बरसाओ’ और ‘आओ जी पधारो म्हारे देस’ जैसे लोकप्रिय लोकगीतों पर भी शानदार नृत्य प्रस्तुत किए गए। साथ ही, पर्यटन अधिकारी प्रेमशंकर सैनी ने छात्रों से राजस्थान के इतिहास के बारे में प्रश्न पूछे और विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए। विदेशी पर्यटकों ने भी इन कार्यक्रमों का आनंद लिया और लोक कलाकारों के साथ नृत्य कर राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान किया।