by-Ravindra Sikarwar
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय एक बहु-राष्ट्र दौरे पर हैं, जिसके तहत उन्होंने घाना का दौरा पूरा कर लिया है और अब वह त्रिनिदाद और टोबैगो में हैं। इन दोनों ही देशों में उनका भव्य स्वागत हुआ है और वे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, जिसमें आर्थिक सहयोग और भारतीय प्रवासियों से जुड़े मुद्दे शामिल हैं, पर चर्चा कर रहे हैं।
घाना में ऐतिहासिक दौरा:
प्रधानमंत्री मोदी ने 2-3 जुलाई को घाना का दौरा किया, जो पिछले 30 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। घाना में उनका जोरदार स्वागत हुआ और उन्हें ‘ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया, जो घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य आर्थिक, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना था। उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और दोनों देशों के बीच व्यापार को अगले पांच वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य रखा। पीएम मोदी ने घाना की संसद को भी संबोधित किया, जहां उन्होंने लोकतंत्र और भारत-अफ्रीका संबंधों के महत्व पर जोर दिया।
त्रिनिदाद और टोबैगो में विशेष संबंध:
घाना के बाद, प्रधानमंत्री मोदी 3-4 जुलाई को त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचे हैं। यह 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस कैरेबियाई देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। यहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जिसकी एक मुख्य वजह यह है कि इस देश की लगभग 40-45% आबादी भारतीय मूल की है। त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर दोनों ही भारतीय मूल की हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कमला प्रसाद-बिसेसर को “बिहार की बेटी” कहकर संबोधित किया, क्योंकि उनके पूर्वज बिहार के बक्सर जिले से थे।
इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के संबंधों को पुनर्जीवित करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि त्रिनिदाद और टोबैगो में रह रहे भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी को ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड दिए जाएंगे। यह कदम भारतीय मूल के लोगों के साथ भारत के गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।
सांस्कृतिक आदान-प्रदान और उपहार:
अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को विशेष उपहार भी दिए। इन उपहारों में महाकुंभ का पवित्र जल और अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की प्रतिकृति शामिल थी। यह उपहार दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को और मजबूत करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत और त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच न केवल खून और उपनाम का संबंध है, बल्कि एक आत्मीय जुड़ाव भी है।
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री मोदी की यह बहु-राष्ट्र यात्रा ग्लोबल साउथ में भारत के बढ़ते प्रभाव और विभिन्न देशों के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध स्थापित करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इन यात्राओं से व्यापार, निवेश, रक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ने की उम्मीद है।