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by-Ravindra Sikarwar

नवरंगपुर, ओडिशा: ओडिशा के नवरंगपुर जिले से एक अत्यंत हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सड़क न होने के कारण एक गर्भवती महिला को ग्रामीणों ने खाट पर लिटाकर ढाई किलोमीटर पैदल यात्रा कर एम्बुलेंस तक पहुंचाया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला ने मृत बच्चे को जन्म दे दिया।

दुर्गम रास्ता बना जान का दुश्मन
यह मामला झरिगांव ब्लॉक के इच्छापुर पंचायत अंतर्गत डुमुनिगुड़ा गांव का है, जहां रहने वाले चक्रधर जानी की पत्नी विमला जानी को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों ने तुरंत एम्बुलेंस सेवा को बुलाया, लेकिन गांव में सड़क नहीं होने के कारण एम्बुलेंस मुख्य रास्ते से ढाई किलोमीटर दूर ही रुक गई। ऐसे में परिवार वालों और ग्रामीणों ने खाट का सहारा लिया और विमला को पैदल खींचकर एम्बुलेंस तक ले गए।

बच्चे ने एम्बुलेंस में ही दम तोड़ा
जब तक गर्भवती महिला को लेकर एम्बुलेंस झरिगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए रवाना हुई, रास्ते में ही महिला को प्रसव हो गया। दुर्भाग्यवश, शिशु मृत अवस्था में पैदा हुआ। अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने बच्चे की मृत्यु की पुष्टि की। फिलहाल महिला की हालत स्थिर बताई जा रही है और उसका इलाज चल रहा है।

बुनियादी सुविधाओं की पोल खुली
इस घटना ने एक बार फिर से दूर-दराज के इलाकों में सड़कों और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर कर दिया है। डुमुनिगुड़ा जैसे गांवों में आज भी पक्की सड़क नहीं है, जिससे आपात स्थिति में एम्बुलेंस जैसी आवश्यक सेवाएं समय पर नहीं पहुंच पातीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे कई वर्षों से सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

प्रशासन की चुप्पी
घटना के बाद से अब तक स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा और दुःख साफ तौर पर झलक रहा है। उनका मानना है कि अगर समय पर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध होती और सड़क होती, तो नवजात की जान बचाई जा सकती थी।

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