
प्रयागराज: औद्योगिक क्षेत्र थाना क्षेत्र के एक गांव में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। दो मई 2025 को चौथी कक्षा में पढ़ने वाली एक मासूम छात्रा सात लोगों की सामूहिक दुष्कर्म का शिकार बनी। पीड़िता की मां की शिकायत पर पुलिस ने सोमवार देर रात पांच नामजद और तीन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले में पीड़िता की सहेली को भी साजिश में शामिल होने के आरोप में नामजद किया गया है, जिससे कुल आठ लोगों पर केस दर्ज हुआ है।
पीड़िता की मां ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि उनकी बेटी दो मई की सुबह किसी काम से घर से निकली थी। रास्ते में उसे उसकी एक सहेली मिली, जिसके साथ वह बातचीत करते हुए उसकी सहेली के घर चली गई। मां के अनुसार, उनकी बेटी को सहेली के घर पहुंचते ही एक कमरे में बंद कर दिया गया। कमरे में पहले से ही सात युवक मौजूद थे, जिन्होंने मिलकर उनकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि आरोपियों ने दुष्कर्म के बाद पीड़िता को आधी रात को बेहोशी की हालत में उसके घर से कुछ दूरी पर फेंक दिया। किसी तरह होश में आने के बाद बच्ची अपने घर पहुंची और उसने अपने परिवार वालों को आपबीती सुनाई।
परिजनों ने तुरंत थाने पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने उन्हें जांच के नाम पर तीन दिनों तक थाने के चक्कर कटवाए। आखिरकार, सोमवार रात को पुलिस ने इस गंभीर मामले में कार्रवाई करते हुए पीड़िता की सहेली, अतीक यादव, राम यादव, राम लखन, शत्रुघ्न और तीन अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया।
इस संबंध में औद्योगिक क्षेत्र के थाना प्रभारी ने बताया कि बच्ची का बयान दर्ज कर लिया गया है और मामले में तेजी से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो संदिग्धों को हिरासत में ले लिया है, जिनसे गहन पूछताछ जारी है। थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया कि शेष आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।
इस जघन्य घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और लोगों में गहरा आक्रोश है। मासूम बच्ची के साथ हुई इस दरिंदगी ने समाज को झकझोर कर रख दिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है। पुलिस प्रशासन पर भी दबाव है कि वह इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच करे और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाए।
यह घटना बालिकाओं की सुरक्षा और समाज में बढ़ रहे अपराधों पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। यह आवश्यक है कि प्रशासन और समाज मिलकर ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाया जा सके।