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by-Ravindra Sikarwar

नई दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द ही आम आदमी द्वारा दैनिक उपयोग की कई वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में कटौती कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टूथपेस्ट, बर्तन, कपड़े और जूते जैसे रोजमर्रा के सामान इस संभावित कटौती की सूची में शामिल हैं, जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। यह कदम आगामी केंद्रीय बजट से पहले या बाद में लिया जा सकता है, जिसका उद्देश्य महंगाई से जूझ रही जनता को राहत प्रदान करना और उपभोग को बढ़ावा देना है।

क्यों हो सकती है GST दरों में कटौती?
GST परिषद की अगली बैठक में इन दरों पर विचार किया जा सकता है। इस संभावित कटौती के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं:

  1. उपभोक्ताओं को राहत: बढ़ती महंगाई के बीच, सरकार आम जनता पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए उत्सुक है। दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर GST कम होने से उनकी कीमतें घटेंगी, जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ कम होगा।
  2. मांग में वृद्धि: GST दरों में कमी से इन वस्तुओं की कीमतें कम होंगी, जिससे उनकी मांग बढ़ सकती है। बढ़ी हुई मांग अर्थव्यवस्था में सुधार और उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
  3. राजस्व संग्रह में सुधार: GST संग्रह लगातार मजबूत रहा है, जिससे सरकार को दरें कम करने का लचीलापन मिला है। मजबूत राजस्व संग्रह यह सुनिश्चित करता है कि दरें कम करने के बावजूद सरकारी खजाने पर बड़ा नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
  4. आम चुनाव के बाद का परिदृश्य: हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों के बाद, सरकार जनता की आकांक्षाओं और आर्थिक चुनौतियों को संबोधित करने के लिए उत्सुक है। GST कटौती एक लोकप्रिय और प्रत्यक्ष लाभ प्रदान करने वाला कदम हो सकता है।
  5. GST संरचना का युक्तिकरण: GST लागू होने के बाद से, परिषद समय-समय पर दरों की समीक्षा करती रही है ताकि कर ढांचे को सरल और अधिक कुशल बनाया जा सके। कुछ वस्तुओं पर उच्च दरें होने के कारण उनकी उपयोगिता को देखते हुए, उन्हें निचले स्लैब में लाने पर विचार किया जा सकता है।

किन वस्तुओं पर पड़ सकता है असर?
जिन दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर GST दरों में कटौती की संभावना है, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • टूथपेस्ट और अन्य व्यक्तिगत स्वच्छता उत्पाद: वर्तमान में इन पर 18% GST लगता है। इसे कम करके 12% या 5% के स्लैब में लाया जा सकता है, जिससे इनकी कीमतें घटेंगी।
  • बर्तन और रसोई के उपकरण: स्टेनलेस स्टील और अन्य धातुओं से बने बर्तन, जिन पर वर्तमान में उच्च GST है, उन्हें कम दर पर लाने से आम परिवारों को फायदा होगा।
  • कपड़े और जूते: परिधान और जूते-चप्पल पर भी GST में कमी की उम्मीद है। यह खासकर निम्न और मध्यम आय वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत होगी।
  • अन्य रोजमर्रा की वस्तुएं: इन प्रमुख वस्तुओं के अलावा, कुछ अन्य छोटी-मोटी घरेलू उपयोग की वस्तुओं पर भी दरों में कटौती की जा सकती है, जिनकी सूची GST परिषद की बैठक में अंतिम रूप दी जाएगी।

GST परिषद की भूमिका
GST परिषद, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं और जिसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य होते हैं, ही GST दरों में बदलाव पर अंतिम निर्णय लेती है। परिषद की आगामी बैठक में इस प्रस्ताव पर गहन विचार-विमर्श होने की उम्मीद है। विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि अपने-अपने राज्यों की राजस्व आवश्यकताओं और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस पर राय देंगे।

संभावित प्रभाव:
यदि GST दरों में कटौती होती है, तो इसके कई सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं:

  • बढ़ी हुई क्रय शक्ति: आम आदमी की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे बाजार में रौनक आएगी।
  • उद्योगों को बढ़ावा: कम दरों से उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी, जिससे संबंधित उद्योगों को लाभ होगा और उत्पादन में वृद्धि होगी।
  • कालाबाजारी पर अंकुश: कुछ वस्तुओं पर उच्च कर दरें अनौपचारिक व्यापार को बढ़ावा देती हैं। दरें कम होने से औपचारिक अर्थव्यवस्था में लेनदेन बढ़ सकता है।

यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि GST परिषद कब अपनी बैठक करती है और किन वस्तुओं पर कितनी कटौती की जाती है। हालांकि, यह निश्चित है कि यह कदम आम आदमी के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगा।

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