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UP: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे के दौरान कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने भावुक शब्दों में कहा, “काशी मेरी है और मैं काशी का हूं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत विकास और सांस्कृतिक विरासत दोनों को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है, और काशी इसका जीवंत उदाहरण है। “यहां गंगा का जल भी बहता है और भारत की आत्मा भी प्रवाहित होती है। देश की विविधता ही उसकी ताकत है और काशी इसका सबसे सुंदर प्रतिबिंब है,” उन्होंने कहा।

काशी-तमिल संगमम् की सराहना
अपने भाषण में उन्होंने “काशी-तमिल संगमम्” जैसे आयोजनों की सराहना करते हुए कहा कि इससे देश की एकता और सांस्कृतिक समरसता को मजबूती मिल रही है। उन्होंने कहा, “काशी की हर गली में देश का एक अलग रंग दिखाई देता है, यहां की सांस्कृतिक विविधता भारत की आत्मा को दर्शाती है।”

विकास की गारंटी और स्वास्थ्य सुविधाएं
पीएम मोदी ने लोगों को याद दिलाया कि तीसरी बार सेवा का मौका मिलने के बाद उन्होंने आयुष्मान वय वंदना योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से बुजुर्गों के लिए मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा, “अब इलाज के लिए जमीन बेचने, कर्ज लेने या दर-दर भटकने की जरूरत नहीं है। सरकार आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज का पूरा खर्च उठा रही है।”

उन्होंने पूर्वांचल की पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा, “एक समय था जब इलाज के लिए लोग दिल्ली-मुंबई का रुख करते थे। लेकिन आज बड़े-बड़े अस्पताल आपके आसपास खुल रहे हैं। काशी अब आरोग्य की राजधानी बन रही है।”

डेयरी सेक्टर और पशुपालकों को लाभ
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन चुका है और बीते दस वर्षों में इसमें 65% की वृद्धि हुई है। यह सफलता किसानों और पशुपालकों की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड, सब्सिडी, और पशुओं के मुफ्त टीकाकरण जैसी सुविधाओं से इस क्षेत्र को सशक्त बनाया है।

परिवारवाद पर हमला
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य है – सबका साथ, सबका विकास। लेकिन कुछ लोग सत्ता के लिए केवल परिवारवाद की राजनीति करते हैं – उनका एजेंडा है, परिवार का साथ, परिवार का विकास।”

उन्होंने इस अवसर पर महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को भी श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।

अंत में, उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में काशी ने आधुनिकता को अपनाया है, अपनी परंपरा को सहेजा है और भविष्य के उज्ज्वल भारत की नींव रखी है।

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