
नई पंबन ब्रिज का निर्माण अधिक यातायात संभालने, मजबूती सुनिश्चित करने और समुद्री नौवहन में सुधार लाने के लिए किया गया है, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल को तमिलनाडु में नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन करेंगे, जो भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे समुद्री पुल है। यह पुल राम नवमी (6 अप्रैल) के दिन उद्घाटित होगा।
यह नया पंबन ब्रिज, जो रामेश्वरम को भारतीय मुख्यभूमि से जोड़ता है, पलक स्ट्रेट (Palk Strait) पर फैला हुआ है और इसकी लंबाई 2.07 किलोमीटर है। यह पुल कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा और क्षेत्रीय विकास को गति देगा।
प्रमुख विशेषताएँ:
- 72.5 मीटर का नेविगेशनल स्पैन – इसे 17 मीटर तक ऊपर उठाया जा सकता है ताकि बड़े जहाजों का आवागमन सुचारू रूप से हो सके।
- पुल पुरानी संरचना से 3 मीटर ऊंचा है, जिससे समुद्री कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है।
- इस पुल में उच्च गुणवत्ता वाली स्टेनलेस स्टील से निर्मित सामग्री का उपयोग किया गया है, जिससे इसकी मजबूती और दीर्घायु सुनिश्चित होती है।
- इस पुल की अधिष्ठापन संरचना दो रेल लाइनों के लिए डिज़ाइन की गई है, जबकि वर्तमान में एक ही रेल लाइन समर्थित है।
निर्माण की आवश्यकता:
- पुराना पंबन ब्रिज यातायात की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं था और समुद्र के कठोर वातावरण के कारण जर्जर हो गया था।
- नए पुल से भारी रेल यातायात को संभालने और तेज़ रेलगाड़ियों के संचालन में मदद मिलेगी।
- यह पुल समुद्री यातायात को सुगम बनाएगा और पुराने पुल की सीमाओं को दूर करेगा।
निर्माण और तकनीकी पहलू:
- इस पुल का निर्माण आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों और उन्नत सामग्री, जैसे स्टेनलेस स्टील, से किया गया है।
- समुद्र के कठोर वातावरण में इसकी दीर्घायु को सुनिश्चित करने के लिए जंग-रोधी कोटिंग्स का उपयोग किया गया है।
- साइट पर आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, लिफ्ट स्पैन को ऑटो लॉन्चिंग विधि से स्थापित किया गया और इसे हाइड्रोलिक जैकिंग के माध्यम से पियर्स पर सटीक रूप से स्थानांतरित किया गया।
चुनौतियाँ और नवाचार:
- परियोजना को पूरा करने में पर्यावरणीय चुनौतियाँ, जैसे तूफान, समुद्री लहरों, और भूकंपीय गतिविधियों का सामना करना पड़ा।
- भारी सामग्री को दूरस्थ स्थल तक पहुँचाने में भी समस्याएँ आईं, लेकिन सभी मुश्किलों के बावजूद परियोजना पूरी हो गई, जो निर्माण टीम की बुद्धिमत्ता और सहनशक्ति का प्रमाण है।
इंफ्रास्ट्रक्चर में विकास:
यह नया पंबन ब्रिज भारत की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता को प्रदर्शित करता है। यह पुल दुनिया के प्रसिद्ध पुलों जैसे गोल्डन गेट, टॉवर और ओरेसंड पुल के साथ जुड़ता है। इस पुल के निर्माण से भारत की इंजीनियरिंग क्षमता और भौगोलिक तथा पर्यावरणीय चुनौतियों को पार करने की क्षमता को प्रदर्शित किया गया है।
यह पुल 100 साल से अधिक की आयु के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी निर्माण तकनीक इसे लंबे समय तक टिकाऊ बनाए रखेगी।