
जम्मू/नई दिल्ली, 12 मई 2025: ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकों में पहली बार अपेक्षाकृत शांति बनी रही। भारतीय सेना ने इस बात की पुष्टि की है कि पिछली रात सीमावर्ती क्षेत्रों में किसी भी अप्रिय घटना या गोलीबारी की कोई खबर नहीं आई है। पंजाब, जम्मू और कश्मीर सहित अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्रों में शांति का माहौल है, जो हाल के दिनों में पहली बार देखने को मिला है।
भारत-पाक डीजीएमओ स्तर की वार्ता आज:
इस सकारात्मक घटनाक्रम के बीच, आज भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) स्तर की महत्वपूर्ण वार्ता होने वाली है। यह बातचीत ऑपरेशन सिंदूर के बाद हो रही है, जिसे भारत द्वारा सीमा पार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के बाद अंजाम दिया गया था।
गौरतलब है कि भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने संघर्ष विराम (सीजफायर) का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, इस सहमति के कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन कर दिया था, जिससे स्थिति फिर से तनावपूर्ण हो गई थी।
वार्ता का एजेंडा:
सूत्रों के अनुसार, आज होने वाली डीजीएमओ स्तर की वार्ता में भारत का रुख स्पष्ट रहेगा। भारत कश्मीर मुद्दे पर किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं करेगा। इसके अतिरिक्त, सिंधु जल संधि पर भी कोई चर्चा या स्थगन नहीं होगा। भारत पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश देगा कि आतंकी हमले किसी भी प्रकार से सामान्य प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर – एसओपी) का हिस्सा नहीं हो सकते।
वहीं, यह संभावना है कि पाकिस्तान की ओर से बैठक में कश्मीर मुद्दे को उठाया जा सकता है। इसके अलावा, पाकिस्तान सिंधु जल संधि को प्राथमिकता दे सकता है, जिस पर दोनों देशों के बीच पहले से ही कुछ मतभेद हैं।
ऑपरेशन सिंदूर पर डीजीएमओ का बयान:
ऑपरेशन सिंदूर पर एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, भारतीय डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी। उन्होंने बताया था कि 10 मई को 15:35 बजे उनकी पाकिस्तानी डीजीएमओ के साथ बातचीत हुई थी। इस बातचीत के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने 10 मई को 17:00 बजे से सीमा पार से गोलीबारी और हवाई घुसपैठ बंद करने पर सहमति व्यक्त की थी, जब पाकिस्तान ने शत्रुता समाप्त करने का प्रस्ताव दिया था।
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने यह भी बताया कि दोनों देशों के डीजीएमओ ने 12 मई को दोपहर 12:00 बजे आगे बातचीत करने का निर्णय लिया है, ताकि इस आपसी समझ को दीर्घकालिक बनाए रखने के तरीकों पर चर्चा की जा सके।
सुरक्षा समीक्षा और जवाबी कार्रवाई के अधिकार:
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) ने 11 मई को सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है। इस समीक्षा के बाद, पाकिस्तानी सेना द्वारा किसी भी प्रकार के संघर्ष विराम उल्लंघन की स्थिति में भारतीय सेना के कमांडरों को गतिज क्षेत्र (काइनेटिक डोमेन) में जवाबी कार्रवाई करने के लिए पूर्ण अधिकार दिए गए हैं। इसका अर्थ है कि यदि पाकिस्तान की ओर से कोई भी उकसावे वाली कार्रवाई होती है, तो भारतीय सेना बिना किसी देरी के प्रभावी ढंग से जवाब दे सकती है।
आज होने वाली डीजीएमओ स्तर की वार्ता सीमा पर शांति बनाए रखने और भविष्य में किसी भी प्रकार की शत्रुता को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। हालांकि, भारत का स्पष्ट रुख और पाकिस्तान के संभावित एजेंडे को देखते हुए, यह देखना होगा कि इस बातचीत से क्या परिणाम निकलते हैं। सीमा पर शांति की यह पहली रात एक सकारात्मक संकेत जरूर है, लेकिन इसे बनाए रखना दोनों देशों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।