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by-Ravindra Sikarwar

इंस्ताबुल (तुर्किये): पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेता रणनीतिक साझेदारी को और ऊंचाइयों पर ले जाने पर सहमत हुए। शहबाज चार मित्र देशों की यात्रा के तहत कल दो दिवसीय दौरे पर तुर्किये पहुंचे। प्रधानमंत्री 30 मई तक ईरान, अजरबैजान और ताजिकिस्तान का दौरा करेंगे।

शहबाज ने इस्तांबुल में राष्ट्रपति एर्दोआन के साथ बैठक में भारत के साथ तनाव के दौरान पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए तुर्किये की सराहना की। बैठक में पाकिस्तान और तुर्किये ने क्षेत्रीय शांति, सतत विकास और साझा समृद्धि के लिए रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के अलावा द्विपक्षीय बहुआयामी सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई है।

आर्थिक सहयोग को बढ़ावा
दोनों देश अपने आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उत्सुक हैं। व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना एजेंडा में सबसे ऊपर है। तुर्की के साथ पाकिस्तान का द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है, लेकिन दोनों पक्षों का मानना है कि इसमें अभी भी अपार संभावनाएं हैं।

  • मुक्त व्यापार समझौता (FTA): दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के दायरे का विस्तार करने और इसे और अधिक प्रभावी बनाने पर सहमत हुए हैं, ताकि द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा स्तर से काफी ऊपर ले जाया जा सके।
  • निवेश: तुर्की की कंपनियों को पाकिस्तान में ऊर्जा, निर्माण, पर्यटन और आईटी जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जबकि पाकिस्तानी निवेशकों को भी तुर्की में अवसर तलाशने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
  • परिवहन और कनेक्टिविटी: क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने के लिए सड़क, रेल और समुद्री मार्गों के माध्यम से परिवहन और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई।

रक्षा और सुरक्षा सहयोग
रक्षा सहयोग दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। दोनों राष्ट्रों ने अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया है।

  • सैन्य अभ्यास: संयुक्त सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करने पर सहमति हुई, जिससे दोनों देशों की सेनाओं के बीच समन्वय और अंतर-संचालनीयता बढ़ेगी।
  • रक्षा उत्पादन: रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में संयुक्त उद्यमों और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया, विशेष रूप से नौसेना और विमानन क्षेत्रों में।
  • आतंकवाद विरोधी: आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में खुफिया जानकारी साझा करने और समन्वय बढ़ाने पर भी जोर दिया गया, क्योंकि दोनों देश इस वैश्विक खतरे से जूझ रहे हैं।

सांस्कृतिक और जन-से-जन संबंध
पाकिस्तान और तुर्की के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं। दोनों देश इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

  • शैक्षिक आदान-प्रदान: छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के बीच शैक्षिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ावा देने पर सहमति हुई, जिससे ज्ञान और समझ का आदान-प्रदान होगा।
  • पर्यटन: दोनों देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त पहल की जा रही हैं, ताकि लोग एक-दूसरे की समृद्ध संस्कृति और विरासत का अनुभव कर सकें।
  • मीडिया सहयोग: दोनों देशों के मीडिया आउटलेट्स के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया गया, ताकि एक-दूसरे की कहानियों और विचारों को बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया जा सके।

क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे
दोनों देशों ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी मिलकर काम करने की अपनी इच्छा दोहराई।

  • कश्मीर और फिलिस्तीन: तुर्की ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन जारी रखा है, जबकि पाकिस्तान ने फिलिस्तीनी मुद्दे पर तुर्की के स्टैंड की सराहना की है।
  • इस्लामोफोबिया: दोनों देश बढ़ते इस्लामोफोबिया के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर इस मुद्दे को उठा रहे हैं।
  • अफगानिस्तान और मध्य पूर्व: अफगानिस्तान में स्थिरता लाने और मध्य पूर्व क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के प्रयासों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया।

निष्कर्ष
पाकिस्तान और तुर्की के बीच यह मजबूत रणनीतिक साझेदारी उनके साझा इतिहास, संस्कृति और समान हितों पर आधारित है। दोनों देश अपने संबंधों को लगातार मजबूत करने और क्षेत्रीय तथा वैश्विक शांति व स्थिरता में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सहयोग दोनों देशों के लिए आर्थिक समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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