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नई दिल्ली: पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आतंकी संगठन एक और बड़े हमले की साजिश रच रहे हैं। इस बीच, भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

अमित शाह के आवास पर उच्च स्तरीय बैठक, सिंधु जल संधि पर बड़ा फैसला:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करने पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक में जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, लगभग 45 मिनट तक चली इस बैठक में पाकिस्तान को जाने वाले पानी को रोकने के लिए तीन प्रमुख विकल्पों – अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक – पर विस्तार से चर्चा की गई। सरकार का स्पष्ट और दृढ़ इरादा है कि पाकिस्तान को सिंधु नदी का एक बूंद पानी भी न दिया जाए। इस दिशा में तत्काल कार्रवाई शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

पाकिस्तान में बौखलाहट, बिलावल भुट्टो की धमकी:
भारत के इस सख्त रवैये से पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया है। पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक गैर-जिम्मेदाराना बयान देते हुए भारत को धमकी दी है। उन्होंने कहा कि सिंधु नदी उनकी है और रहेगी, और इसमें या तो उनका पानी बहेगा या फिर भारत का खून। उनके इस भड़काऊ बयान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी निंदा का सामना करना पड़ सकता है।

घाटी में आतंकियों के ठिकानों पर कार्रवाई जारी:
भारतीय सेना ने घाटी में आतंकियों के खिलाफ अपना अभियान जारी रखा है। शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के दो और आतंकियों, अहसान उल हक और हारिस अहमद, के घरों को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ सरकार के कठोर रुख का स्पष्ट संकेत है। इससे पहले शोपियां में भी एक आतंकी से जुड़े घर को गिराया गया था।

खुफिया अलर्ट, एक और हमले की आशंका:
सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर में एक और आतंकी हमले की आशंका जताई है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी एक बार फिर से घाटी में किसी बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं। इस अलर्ट के बाद पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।

पाकिस्तान के प्रति भारत का सख्त रुख:
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के प्रति अपना रुख और कड़ा कर लिया है। सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए 14 श्रेणियों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। इनमें व्यापार, सम्मेलन, आगंतुक और तीर्थयात्री वीजा शामिल हैं। इन वीजा की समय सीमा अधिकतम 29 अप्रैल तक ही मान्य होगी और कोई नया वीजा जारी नहीं किया जाएगा।

अन्य राज्यों में भी कार्रवाई:
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद अन्य राज्य सरकारें भी हरकत में आ गई हैं। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में शॉर्ट टर्म वीजा पर आई चार पाकिस्तानी महिलाओं को वापस भेज दिया गया है। बिहार सरकार ने भी सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक निर्धारित समय सीमा के बाद राज्य में न रहे। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी कहा है कि केंद्र सरकार के फैसले का सख्ती से पालन किया जाएगा और दिल्ली में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द ही वापस भेजा जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विरोध:
लंदन में भारतीय समुदाय ने पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान एक पाकिस्तानी अधिकारी द्वारा प्रदर्शनकारियों को गला काटने का इशारा करने की शर्मनाक हरकत सामने आई है, जिसकी कड़ी निंदा की जा रही है।

देशभर में शोक और श्रद्धांजलि:
पहलगाम हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को देशभर में श्रद्धांजलि दी जा रही है। बिहार के बोधगया में महाबोधि महाविहार में लोगों ने मोमबत्ती जलाकर मृतकों को याद किया।

व्यापारिक संबंधों पर भी असर:
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत को पाकिस्तान जैसे आतंकवादी देश के साथ व्यापारिक संबंध रखने में कोई रुचि नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत अपने किसी भी हिस्से में आतंकवाद को पनपने नहीं देगा।

पाकिस्तान जांच के लिए तैयार:
भारत के बढ़ते दबाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहलगाम हमले की “तटस्थ जांच” के लिए तैयार होने की बात कही है। हालांकि, भारत सरकार इस प्रस्ताव पर कितना विश्वास करेगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

निष्कर्ष:
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने जैसे फैसले पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा हैं। वहीं, कश्मीर में एक और संभावित आतंकी हमले के अलर्ट ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में, आने वाले दिनों में भारत सरकार की कार्रवाई और पाकिस्तान का इस पर क्या रुख रहता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

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